ब्यूरोक्रेसी

ट्रब्युनल के 81 फीसदी फैसले सरकार के खिलाफ

कार्मिकों को सेवा दंड के महज 19 फीसदी प्रकरण ही सही

अफसरों की कार्यशैली पर उठ रहे सवालात

आरटीआई से हुआ इन हालात का खुलासा

देहरादून। लोक सेवा अधिकरण ने कर्मियों और अफसरों के खिलाफ सेवा संबंधी दंड के 81 फीसदी मामलों में सरकार के खिलाफ फैसला दिया है। राज्य गठन से अब तक आला अफसरों के महज 19 फीसदी आदेश ही सही पाए गए हैं। आरटीआई से मिली जानकारी अफसरों के कथित मनमाने आदेश करने की कार्यशैली का भी खुलासा कर रही है।

काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन ने इस बारे में उत्तराखंड लोक सेवा अधिकरण से इस बारे में जानकारी मांगी थी। प्राधिकरण की ओर से बताया गया कि 2001 से 17 मार्च 2021 तक कुल 2333 केसों का निपटारा किया गया है। इनमें में केवल 19 प्रतिशत यानि 439 केसों को ही सरकार के पक्ष में निर्णीत करके आदेश करने वाले तथा विभागीय अपील/प्रत्यावेदन पर आदेश करने वाले अधिकारी के आदेशों को सही ठहराया है। 81 प्रतिशत से अधिक यानि 1894 केसों में कर्मचारी व छोटे अधिकारियों को राहत देते हुए सरकार के विरूद्ध निर्णीत किया है। इसमें विभिन्न पदावनति, सेवा से हटाने, परिनिंदा प्रविष्टि, सत्यनिष्ठा रोकने, गलत पदोन्नति, वेतन तथा पेंशन रोकने आदि के आदेश शामिल हैं।

नदीम को उपलब्ध सूचना के अनुसार वर्ष 2001 में केवल 2 दो केसों का निपटारा हुआ। दोनों ही सरकार के पक्ष में गए। 2002 में निर्णीत 140 केसों में सरकार के पक्ष में केवल 32, विरूद्ध 108 केस, 2003 में 204 में से 108, वर्ष 2004 में 121 में से 103, वर्ष 2005 में 86 में से 79, वर्ष 2006 में 121 से 103, वर्ष 2007 में 161 में से 127, वर्ष 2008 में 143 में से 112, वर्ष 2009 में 155 में से 110, वर्ष 2010 में 120 में से 79 केस सरकार के विरूद्ध तथा कर्मचारी व अधिकारियों के पक्ष में निर्णीत हुए।

नदीम को उपलब्ध सूचना के अनुसार वर्ष 2011 में कुल निर्णीत 125 केसों में से 111, वर्ष 2012 में 112 केसों में से 94, वर्ष 2013 में 64 में से 59, वर्ष 2014 में 106 में से 100, वर्ष 2015 में 77 में से 48, वर्ष 2016 में 36 में से 15, वर्ष 2017 में 66 में से 45, वर्ष 2018 में 227 में से 194 तथा वर्ष 2019 में 164 में से 135 केस उत्तराखंड सरकार के विरूद्ध कर्मचारी अधिकारी के पक्ष में फैसला किए गए।

      कोविड वर्ष 2020 में भी लोक सेवा अधिकरण की मुख्य पीठ देहरादून में 88 केसों का निपटारा हुआ। इनमें से 70 केसों में कर्मचारी अधिकारी को राहत मिली औैर यह केस सरकार के विरूद्ध निर्णीत हुए। जबकि केवल 18 केसो में कर्मचारी अधिकारी को राहत न देते हुये सरकारी आदेश देने वाले अधिकारियों के आदेशों को सही घोषित किया गया। 2021 में 17 मार्च तक कुल 15 केसों का निपटारा किया गया जिसमें से 10 केसों में कर्मचारी अधिकारियों को राहत मिली जबकि 5 केस सरकार के पक्ष में निर्णीत किए गए।

अहम बात यह भी है कि आरटीआई से मिली जानकारी इस बात का भी इशारा कर रही है कि उत्तराखंड के आला अफसर किस अंदाज में कर्मियों और छोटे अफसरों के खिलाफ मनमानी कार्रवाई कर रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button