और ‘भाग’ निकले गन्ना राज्यमंत्री जी !
बकाया गन्ना मूल्य पर बात करना चाहते थे किसान
काशीपुर में घंटों किया विभागीय मंत्री का इंतजार
विरोध की आशंका से सहमे मंत्री ने नहीं की बैठक
2012 से बकाया है किसानों को 28 करोड़ रुपया
काशीपुर। किसान हितों की बात करने वाली भाजपा के मंत्री ने किसानों की बात सुनना भी गंवारा नहीं किया। विरोध की आशंका से सहमे मंत्री जी ने गन्ना अधिकारियों की बैठक से तो किनारा किया और अपने काफिले के साथ काशीपुर से भाग निकले। किसानों ने एलान किया है कि अब किसी भी मंत्री का काशीपुर में कोई कार्यक्रम नहीं होने दिया जाएगा।
गन्ना विभाग के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वामी यतीस्वरानंद को काशीपुर के गन्ना शोध संस्थान में चार बजे अधिकारियों के साथ बैठक करनी थी। इसकी जानकारी होते ही तमाम किसान शोध संस्थान के बाहर दो बजे से ही एकत्र होना शुरू हो गए। मंत्री जी को भी इसकी सूचना मिल गई। इस पर वे पहले आईजीएल के गेस्ट हाउस पहुंच गए। किसानों को सूचना मिली तो उन्होंने हंगामा किया। अफसरों ने किसानों से बात की तो कहा गया कि वे किसी का विरोध नहीं कर रहे हैं। लेकिन मंत्री जी से मिलकर अपनी बात कहना चाहते हैं। बताया जा रहा है कि ये संदेशा भी मंत्री जी तक भिजवा दिया गया।
इसके बाद भी मंत्री जी इन किसानों के बीच आने की हिम्मत नहीं जुटा सके। भारी सुरक्षा और किसानों की नारेबाजी के बीच मंत्री जी का काफिला किसानों के सामने से गुजर गया। किसानों ने साफ एलान किया है कि अब काशीपुर में किसी भी मंत्री का कोई कार्यक्रम नहीं होने दिया जाएगा। इस मौके पर भाकियू (युवा) अध्यक्ष जितेंद्र सिंह जीतू, रमनप्रीत सिंह, प्रताप विर्क, प्रभजोत सिंह ग्रेवाल, मलकीत सिंह, जोरा सिंह आदि मौजूद रहे।
दरअसल, काशीपुर की निजी क्षेत्र की चीनी मिल पर गन्ना किसानों का 2012 से 28 करोड़ बकाया है। किसानों ने ये सहकारी समितियों के माध्यम से गन्ना दिया था। मिल बंद होने पर किसान हाईकोर्ट गए तो वहां से फैसला उनके हक में हुआ। सरकार सुप्रीम कोर्ट गई। लेकिन वहां से कोई राहत नहीं मिली। इसके बाद से ही किसान अपने पैसे की मांग कर रहे हैं।
यशपाल ने किसानों को सीएम से मिलवाया
इधर, देहरादून से खबर से हैं कि किसानों की समस्याओं को लेकर काबीना मंत्री ने ऊधमसिंह नगर के कई किसानों को सीएम तीरथ सिंह रावत से मिलवाया। सीएम ने उनकी समस्याएं सुनीं और निराकरण का आश्वासन दिया। इस मीटिंग में सीएम और य़शपाल के साथ मुख्य सचिव ओमप्रकाश और गन्ना सचिव चंद्रेश यादव भी थे।