तो क्या हेल्थ और पुलिसकर्मियों को नहीं कोई खतरा
सरकारी कर्मियों की लॉकडाउन की मांग से उठ रहा सवाल
हजारों कर्मी जान हथेली पर ले फील्ड में कर रहे ड्यूटी
उद्योगों में लाखों श्रमिक व अन्य कर्मी भी काम पर
दफ्तरों में बैठने वालों को सवेतन छुट्टी की है दरकार
अल्पवेतनभोगी मीडिया कर्मी भी फील्ड में कर रहे ड्यूटी
देहरादून। कोविड महामारी के इस दौर में हजारों स्वास्थ्य, पुलिस, सफाई व अन्य कर्मचारी लोगों की सेवा में जुटे हैं। इसके विपरीत दफ्तरों में बैठने वाले सरकारी कर्मचारी लॉकडाउन की मांग कर रहे हैं। ये धमकी भी दे रहे हैं कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो किसी को दफ्तर नहीं जाने दिया जाएगा। ऐसे में सवाल यह खड़ा हो रहा है क्या फील्ड में मुस्तैदी से जुटे कोरोना वॉरियर्स को कोई खतरा नहीं है। सवाल यह भी है कि अगर ये भी लॉकडाउन की मांग करे तो क्या होगा।
महामारी के इस दौर में सिस्टम लोगों की जान बचाने की कोशिश में है। दूसरी इसी सिस्टम के केंद्र सचिवालय के कर्मी लॉकडाउन की मांग कर रहे हैं। कर्मचारी संघ का कहना है कि संक्रमण बढ़ रहा है। ऐसे में लॉकडाउन लगाकर सचिवालय व अन्य सरकारी दफ्तरों को बंद कर देना चाहिए। ये कर्मी धमकी भी दे रहे हैं कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो किसी भी को भी दफ्तर नहीं आने दिया जाएगा।
एक तरफ सिस्टम के केंद्र सचिवालय का यह हाल है तो दूसरी ओर हजारों स्वास्थ्य कर्मी लोगों को जान बचाने को दिन-रात एक किए हुए हैं। सूबे के पुलिस कर्मी चौबीसों घंटे ड्यूटी कर रहे हैं। सफाई कर्मी अपने काम पर हैं तो निकाय कर्मी भी मुस्तैद हैं। होमगार्ड्स, आंगनवाड़ी कार्यकत्रियां भी ड्यूटी पर हैं। आर्थिकी को बचाए रखने के लिए उद्योगों में लाखों श्रमिक और अन्य कर्मी भी काम कर रहे हैं। श्मशान घाटों पर भी कर्मी चिताओं का अंतिम संस्कार कर रहे हैं। ऐसे में सवाल यह है कि क्या इन ड्यूटी करने वालों को कोरोना संक्रमण का कोई खतरा नहीं है। वो भी उस वक्त जब वो लगातार फील्ड में काम कर रहे हैं।
सचिवालय संघ व अन्य सरकारी कर्मियों के संगठनों की लॉकडाउन की मांग पर सोशल मीडिया में तीखी प्रतिक्रिया हो रही हैं। लोग कह रहे हैं कि दफ्तर नहीं आना है तो बगैर वेतन की छुट्टियां लेने की अर्जी दो। यह कैसे हो सकता है कि आप सरकारी खजाने से पैसा भी लें और अवाम की मदद करने की बजाय घर पर ही बैठें। लोग लिख रहे हैं कि महामारी के इस दौर में स्वास्थ्य और पुलिस के साथ ही अन्य विभागों के लोग भी फील्ड में काम कर रहे हैं। फिर आपको दफ्तर में बैठने में क्या दिक्कत है।