नवम्बर से उपभोक्ता केसों का फैसला नहीं कर सकेंगे उत्तराखंड के अधिकतर जिला उपभोक्ता आयोग

नवम्बर से उपभोक्ता केसों का फैसला नहीं कर सकेंगे उत्तराखंड के अधिकतर जिला उपभोक्ता आयोग
नवम्बर 2025 में रिक्त हो रहे अधिकतर सदस्यों के पद
वर्तमान में भी तीन चैथाई से अधिक जिला आयोग नहीं कर रहे सुचारू कार्य
काशीपुर। जिला उपभोक्ता आयोगों मंे रिक्त पदों के चलते उत्तराखंड के तीन चैथाई जिला उपभोक्ता आयोग जहां वर्तमान में सुचारू कार्य नहीं कर रहे है, वहीं नवम्बर 2025 से उधमसिंह नगर तथा हरिद्वार जिला उपभोक्ता आयोग के अतिरिक्त प्रदेश के 11 जिलों के आयोग उपभोक्ता केसों में फैसला नहीं कर सकेंगे।
काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन एडवोकेट नेे उत्तराखंड शासन के खाद्य आपूर्ति, एवं उपभोक्ता मामले विभाग से उत्तराखंड के राज्य तथा जिला आयोगों में अध्यक्ष व सदस्यों की रिक्तियों की सूचना चाही है। इस प्रार्थना पत्र को शासन के लोक सूचना अधिकारी ने राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उत्तराखंड के लोक सूचना अधिकारी को हस्तांतरित कर दिया। राज्य उपभोक्ता आयोग की लोक सूचना अधिकारी/ प्रशानिक अधिकारी वन्दना शर्मा ने अपने पत्रांक 448 से सूचना उपलब्ध करायी है।
नदीम को उपलब्ध सूचना के अनुसार राज्य उपभोक्ता आयोग में अध्यक्ष का पद 05 जनवरी 2024 से रिक्त है जबकि न्यायिक सदस्य का पद 13 दिसम्बर 2024 से रिक्त है। इसके अतिरिक्त एक न्यायिक सदस्य का कार्यकाल 03 जुलाई 2025 तथा सामान्य सदस्य का कार्यकाल 26 नवम्बर 2025 तक ही है।
नदीम को उपलब्ध करायी गयी सूचना के अनुसार वर्तमान में उत्तराखंड के 9 जिलों में अध्यक्ष के पद 19 मई 2023 से रिक्त है जबकि पिथौरागढ़ जिले की महिला सदस्य का पद अगस्त 2024 से तथा देहरादून जिले के पुरूष सदस्य का पद मई 2025 से रिक्त हैं। यद्यपि वर्तमान में कार्यरत 4 जिलों के अध्यक्षों को अतिरिक्त प्रभार के रूप में 9 जिलों का प्रभार दिया गया है लेकिन वह माह में 1 या 2 दिन ही सुनवाई कर रहे हैं तथा उसके लिये भी दिन निश्चित नहीं हैं। इससे जहां अध्यक्ष विहीन इन पर्वतीय जिलों के अधिकतर केसों का निपटारा नहीं हो पा रहा हैं, वहीं अध्यक्ष वाले 4 जिलों का कार्य भी प्रभावित हो रहा है।
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के प्रावधानों के अनुसार केसों की सुनवाई तथा निपटारे के लिये अध्यक्ष तथा कम से कम एक सदस्य का उपस्थित होना आवश्यक हंैं। नवम्बर 2025 तक अधिकतर जिलों के सदस्यों के पद रिक्त होने के चलते यह कोरम पूर्ण नहीं हो सकेगा। इसलिये नवम्बर 2025 से उत्तराखंड के 13 में से 11 जिले कोरम के अभाव उपभोक्ता केसों की सुनवाई व फैसला नहीं कर सकंेगे। पद न भरे जाने पर नवम्बर के बाद केवल हरिद्वार व उधमसिंह नगर के जिला आयोग ही मामलों की सुनवाई व फैसला करने में सक्षम रह जायेंगे। उधमसिंह नगर जिले में भी केवल एक सदस्य ही रह जाने पर इसमें भी सुचारू कार्य नहीं हो सकेगा।
आगामी 4 महीनों में रिक्त होने वाले पदों में देहरादून जिले के पुरूष्ष सदस्य का पद जहां 01 मई 2025 से रिक्त है, वहीं 26 नवम्बर 2025 को महिला सदस्य का कार्यकाल भी समाप्त हो रहा है। नैनीताल जिले के अध्यक्ष व दोनों सदस्यों का कार्यकाल 28 नवम्बर 2025 को समाप्त हो रहा हैं।
इसके अतिरिक्त उधमसिंह नगर के पुरूष सदस्य का का कार्यकाल 30 नवम्बर 2025 कोे तथा उत्तरकाशी के पुरूष सदस्य का का कार्यकाल 15 अक्टूबर 2025 को, अल्मोड़ा के पुरूष सदस्य का कार्यकाल 22 नवम्बर तथा महिला सदस्य का कार्यकाल 21 नवम्बर 2025 को समाप्त हो रहा है। चमोली जिले की महिला सदस्य का कार्यकाल 17 नवम्बर 2025 को, टिहरी गढ़वाल की महिला सदस्य का पद 29 नवम्बर 2025 को, पौड़ी गढ़वाल के पुरूष व महिला सदस्य कार्यकाल 28 नवम्बर 2025 को, रूद्रप्रयाग जिले के पुरूष व महिला सदस्य का कार्यकाल 6 दिसम्बर 2025 को, चम्पावत जिले के पुरूष व महिला सदस्य का कार्यकाल 25 नवम्बर 2025 को तथा बागेश्वर जिले के पुरूष व महिला सदस्य का कार्यकाल 24 नवम्बर 2025 को समाप्त हो रहा है।
नदीम ने बताया कि उपभोक्ता संरक्षण (राज्य आयोग और जिला आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्तियों के लिये अर्हता, भर्ती की पद्वति, नियुक्ति की प्रक्रिया, कार्यकाल, पद से त्याग पत्र और हटाना) नियम 2020 (यथा संशोधित) के नियम 4(4) के अनुसार राज्य व जिला उपभोक्ता आयोगों में अध्यक्ष तथा सदस्यों के पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया पद रिक्त होने से कम से छः माह पूर्व प्रारंभ करने का प्रावधान हैं।
जबकि इन पदों में से अधिकतर के लिये नियुक्ति/भर्ती के लिये प्रक्रिया मई 2025 या उससे पहले प्रारंभ की जानी चाहिये थी जो नहीं की गयी है जिसके कारण जिला उपभोक्ता आयोगों पर कार्य बंद होने का संकट गहरा गया है। यह उपभोक्ता न्याय व उपभोक्ता अधिकार संरक्षण के लिये अत्यंत चिन्ताजनक हैं।