जौलजीबी में ही स्थापित की जाए इनर लाइन
महाराज ने मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह को लिखा खत
देश की सुरक्षा का दिया है हवाला
देहरादून। प्रदेश के पर्यटन, धर्मस्व, सिंचाई एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने देश की आंतरिक एवं बाहृय सुरक्षा को देखते हुए इनर लाइन फिर जौलजीवी में स्थापित करने के लिए गृहमंत्री अमित शाह एवं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखा है।
काबीना मंत्री सतपाल महाराज के मीडिया प्रभारी निशीथ सकलानी ने कहा कि जनपद पिथौरागढ़ की धारचुला तहसील की ब्यास, चौंदास एवं दारमा घाटियां नेपाल एवं चीन की सीमाओं से लगी हैं और सामरिक एवं भू-राजनीतिक दृष्टि से अति संवेदनशील हैं। सतपाल महाराज ने सुरक्षा की दृष्टि से बाहरी लोगों की आवाजाही को नियंत्रित करने के लिए गृहमंत्री और रक्षा मंत्री पत्र लिखकर जौलजीबी में फिर से इनर लाइन स्थापित करने अनुरोध किया है। महाराज ने अपने पत्र में कहा है कि सामरिक दृष्टि से लंबे समय तक जौलजीबी में इनर लाइन स्थापित रहा। 1990-91 मैं बिना किसी व्यावहारिक प्रमाण के केंद्र सरकार ने इनर लाईन को जौलजीबी से हटा कर दारमा घाटी में मारछा एवं ब्यांस घाटी के छियालेख नामक स्थानों में स्थानांतरित कर दिया गया। मारछा एवं छियालेख जो कि नेपाल से लगा होने के साथ-साथ चीन की सीमा रेखा से मात्र 40 कि.मी. की दूरी पर हैं।
महाराज ने कहा कि वर्तमान में न के साथ जारी सीमा विवाद एवं उसकी विस्तारवादी नीति से वह नेपाल के माध्यम से देश की आंतरिक एवं बाहरी सुरक्षा के लिए खतरा बना हुआ है। साथ ही ब्यांस, चौंदास एवं दारमा के स्थानीय निवासी भोटिया जनजाति के सरल एवं शांतिप्रिय लोग जो यहां की विरासत को अक्षुण बनाए हुए हैं। ये लोग आपराधिक गतिविधियों के बढ़ने से स्वयं को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। जो कि देश की सुरक्षा के लिए भी एक गंभीर चुनौती हो पैदा कर सकता है।