एक्सक्लुसिव

‘इमदाद’ में छिपी सत्ता की ‘ख्वाहिश’

लोगों की मदद का प्रचार करने वालों की सोशल मीडिया पर बाढ़

भाजपा नेता मोदी किचन नाम से बांट रहे भोजन

कांग्रेसी नेता चला रहे हैं इंदिरा अम्मा की रसोई

विधायक और मंत्री भी कर रहे अपना खूब प्रचार

सूरत वाले भट्टजी भी कर चुके हैं टिकट की दावेदारी

फिलवक्त उतराखंड क्रांति दल का थामा है दामन

न्यूज वेट ब्यूरो

देहरादून। कोरोना महामारी के इस दौर में जरूरतमंदों की खिदमत का जितना काम हो रहा है, उससे कहीं ज्यादा उसका प्रचार किया जा रहा है। ऐसे लोगों में मंत्री और विधायक तो शामिल हैं ही, तमाम ऐसे लोग भी हैं, जिनके दिलों में सियासत के फलक पर चमकने की ख्वाहिश हिलोरे मार रही है। इसी ख्वाहिश के चलते सूरत के एक प्रवासी उत्तराखंडी इन दिनों सोशल मीडिया में खूब सुर्खियां बटोर रहे हैं।

कोरोना महामारी के इस दौर में गरीब तबका और घरों से दूर फंसे लोग सबसे ज्यादा परेशान हैं। हर मदद करने वालों को ये भगवान ही मान रहे हैं। ऐसे लोगों की खिदमत के लिए तमाम संस्थाएं तो आगे आ ही रही है। सियासी लोग भी सक्रिय हो रहे हैं। लेकिन इनमें एक फर्क है। आरएसएस जैसी अन्य संस्थाएं जहां खामोशी से अपना काम कर रहें हैं। वहीं सियायत में कोई मुकाम पा चुके या फिर मुकाम का अरमान दिल में पाले लोग अपनी इस खिदमत का जमकर प्रचार कर रहे हैं। भाजपा नेता मोदी किचन चला रहे हैं तो कांग्रेसी इंदिरा अम्मा भोजनालय। अहम बात यह है कि ये लोग अपनी खिदमत का जमकर प्रचार कर रहे हैं। पिछले दिनों एक राज्य मंत्री और एक कैबिनेट मंत्री की ओर से की गई गरीबों की खिदमत खासी चर्चा में रही थी।

अब मामला प्रवासियों का। इऩ लोगों की घर वापसी शुरू हो गई है। अब विधायकगण  अपनी वाह-वाही कर रहे हैं। आने वालों और उनके परिजनों की समझाया जा रहा है कि केवल उन्हीं की वजह से वे लोग वापस आ सके हैं। इस मामले में सबसे ज्यादा सुर्खियां बटोरीं सूरत में रहने वाले प्रवासी डा. देवेश्वर भट्ट ने। इन्होंने सूरत से प्रवासियों को लेकर आने वाली ट्रेन के चलने से एक वीडियो अपनी बेटी से तैयार करवाया। इसमें यह कहते दिख रहे हैं उन्होंने ही ट्रेन बुक करवाई और 1200 लोगों को उत्तराखंड भिजवाया। उत्तराखंड के कुछ न्यूज पोर्टल ने इसे चलाया। इससे लगा कि सारा काम और खर्च डा. भट्ट ने ही किया है। इससे सरकार की फजीहत हुई। बाद में इन्हीं डा. भट्ट ने एक नया वीडियो जारी करके कहा कि पैसा उत्तराखंड सरकार ने ही खर्च किया है। अहम बात यह है कि ये डा. भट्ट 2017 के चुनाव में चमोली जिले की एक विस सीट से कांग्रेस के टिकट पर दावेदारी कर चुके हैं। इतना ही नहीं, फिलवक्त ये महाशय उत्तराखंड क्रांति दल के प्रवासी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष हैं। जाहिर है कि उनकी प्रवासियों की खिदमत के पीछे सियासी फलक पर छाने का ख्वाब ही रहा होगा।

 

 

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