उत्तराखंड

बाल विवाह रुकवाने में पुलिस विभाग भी उतरा मैदान में

बाल विवाह रुकवाने में पुलिस विभाग भी उतरा मैदान में
जखोली में विभाग के साथ मिलकर 12 वर्ष की नाबालिग की सगाई रुकवाई

जनपद में बाल विवाह और नाबालिग बच्चों की सगाई गंभीर समस्या का रूप धारण कर रही है।समाज में बाल विवाह गंभीर रोग की तरह फैल रहा है। महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास द्वारा लगतार किए जा रहे जागरूकता कार्यक्रमों से इस वर्ष अब तक आज सहित 21 मामले रुकवाए जा चुके हैं। इसी क्रम में गुप्त सूचना के आधार पर 17 वर्षीय नाबालिग बालक और 12वर्षीय बालिका की सगाई रूकवाई गई। मिली जानकारी के अनुसार जखवाडी निवासी 17 साल के नाबालिग बालक की सगाई कपनिया निवासी 12 वर्षीय नाबालिग बालिका की साथ तय होने की सूचना मिलते ही जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉक्टर अखिलेश मिश्रा के निर्देश पर वन स्टॉप सेंटर की केंद्र प्रशासक रंजना गैरोला भट्ट, चाइल्ड हेल्पलाइन से समन्वयक अरविंद सिंह, केस वर्कर अखिलेश सिंह, बाल कल्याण समिति की सदस्य पूजा त्रिवेदी, जखोली चौकी से प्रभारी विनोद कुमार, पटवारी नरेंद्र रावत तथा आंगनवाड़ी कार्यकर्त्री राजेश्वरी देवी द्वारा तत्काल पहले नाबालिग बालिका के घर तथा बाद में नाबालिग बालक के घर पर जाकर दोनों के परिजनों को सख्त हिदायत दी गई कि जब तक बालिका की उम्र 18 वर्ष और बालक की उम्र 21 नहीं हो जाती है तब तक वह न सगाई करेंगे और ना ही उनके विवाह के बारे में सोचेंगे। टीम द्वारा परिजनों को बताया गया कि यदि उनके द्वारा जबरदस्ती यह कार्य किया जाता है तो वह कानूनी शिकंजे में फंस सकते हैं और उन्हें इस अपराध के लिए सजा और जुर्माना दोनों से दंडित किया जा सकता है। उन्हें ucc की जानकारी भी प्रदान की गई जिसके तहत बाल विवाह करवाने पर सख्त दंड का प्रावधान है।

 

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