उत्तराखंडस्वास्थ्य

CM धामी के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने जारी की डेंगू रोगियों के उपचार व उचित देखभाल के लिए गाइडलान जारी

डेंगू रोकथाम को कई बड़े फैसलों पर लगी मुहर, जिला क्षय रोग अधिकारियों को जिला नोडल अधिकारी बनाने का शासनादेश हुआ जारी

देहरादून : राज्य में डेंगू रोग संक्रमण रोकने लिए मुख्यमंत्री धामी की अध्यक्षता में हुई बैठकों के सकारात्मक परिणाम दिखने लगे हैं। इसी कड़ी में राज्य स्वास्थ्य विभाग ने आज मुख्यमंत्री सिंह धामी के निर्दे्श पर डेंगू रोगियों के बेहतर इलाज व देखभाल के लिए विस्तृत गाइडलाइन जारी कर दी है।

मुख्यमंत्री पुुष्कर सिंह धामी के आदेश पर राज्य सचिवालय में सचिव स्वास्थ्य डॉ आर राजेेश कुमार द्वारा सभी जिलों के साथ डेंगू नियंत्रण हेतु समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। वर्चुवल बैठक में जिलाधिकारी देहरादून सोनिका, निदेेशक चिकित्सा शिक्षा आशुतोष सयाना सहित सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारी, नगर स्वास्थ्य अधिकारी, मेडिकल कॉलेजों के प्रतिनिधियों ने डेंगू उन्मूलन अपने विचार व्यक्त किये।

बैठक में मुख्य रूप से अपर सचिव स्वास्थ्य अमनदीप कौर, स्वास्थ्य महानिदेेशक डॉ विनीता शाह, मुख्य चिकित्सा अधिकारी देहरादून डॉ संजय जैन, निदेेशक राज्य संचरण परिशद डॉ अजय नगरकर, कार्यक्रम अधिकारी एनएचएम डॉ पंकज सिंह मौजूद थे।

समीक्षा बैठक में पहुंचे सभी विशेषज्ञों ने डेंगू की रोकथाम के लिए अपने महत्वपूर्ण सुझाव दिये। बैठक में मिले सुझावों के बाद जिला क्षय रोग अधिकारियों को जिला नोडल अधिकारी रक्तकोश नामित किया गया। वहीं इस महत्वपूर्ण बैठक में डेंगू रोग की रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु कई महत्वपूर्ण फैसलों पर मुहर लगी।

1. डेंगू रोग के संक्रमण काल के दृष्टिगत जनपदों के समस्त राजकीय एवं निजी चिकित्सालयों में डेंगू रोगियों हेतु 30ः डेंगू आईसोलेशन बेड आरक्षित रखे जायें जिसे आवशकता पड़ने पर बढ़ायें जाने की व्यवस्था सुनिष्चित की जाये।

2. रा0 दून मेडिकल कॉलेज के डेंगू विशेषज्ञों के परामर्श के अनुसार 90ः रागियों में डेंगू के सामान्य लक्षण होते हैं जो स्वतः ठीक हो जाते हैं एवं कुछ ही रोगियों को चिकित्सालय में उपचार हेतु भर्ती होने की आवश्यकता पड़ती है। यदि रोगी के लक्षण जैसे Persistant High grade fever (38.5°C and above), Bleeding, Convulsions, Difficulty in Breathing or palpitation or Breathlessness, Persistant Vomiting >3 times a day हों तो रोगी द्वारा अविलम्ब चिकित्सकिय परामर्श लिया जाये।

3. डेंगू रोग को महामारी का रूप लेने से रोकने के लिए नगर निगम/नगर निकाय द्वारा माइक्रो प्लान बनाकर रोस्टर अनुसार फॉगिंग की जाए ताकि प्रत्येक क्षेत्र में सप्ताह में कम से कम एक बार फॉगिंग एवं स्वच्छता अभियान किया जाये।

4. डेंगू रोग पर नियंत्रण हेतु लार्वा निरोधात्मक कार्यवाहियां (सोर्स रिडक्षन) एक कारगर व उपयुक्त उपाय है, जिन स्थानों पर चेतावनी के पश्चात् भी पानी जमा होने से डेंगू मच्छर पैदा होने की स्थितियां उत्पन्न हो रही हैं, ऐसे संस्थानों व लोगों पर आर्थिक दण्ड का प्रावधान किया जाये ताकि जनहित में डेंगू रोग के खतरे से लोगों को बचाया जा सके व महामारी का रूप लेने से रोका जा सके।

5. शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में डेंगू के हॉट स्पॉट चिन्हित कर निरन्तर स्वच्छता अभियान एवं डेंगू रोकथाम एवं नियंत्रण समबन्धित कार्यवाही की जाये जिससे डेंगू रोग के मच्छरों को पनपने से रोका जा सके।

6. आमजन में डेंगू रोग के प्रति भ्रान्तियों के समाधान हेतु जनपद स्तर पर डेंगू के संक्रमण काल (माह नवम्बर तक) के दौरान कन्ट्रोल रूम स्थापित किया जाना सुनिश्चित करें।

7. आम जन में ब्लड डोनेशन हेतु जागरूकता अभियान चलाया जाये।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button