भूमि बचाओ आंदोलन के 49 वें दिन आन्दोलन स्थल पर जारी क्रमिक अंशन पर बाजपुर के व्यापारी वर्ग ने सम्भाली कमान
बाजपुर। भूमि बचाओ आंदोलन के 49 वें दिन आन्दोलन स्थल पर जारी क्रमिक अंशन पर बाजपुर के व्यापारी वर्ग ने कमान सम्भाली। इस अवसर पर व्यापारी नेता दर्शन गोयल ने सरकार को कठोर शब्दो में चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही बीस गांव के हजारों लोगों के मालिका हकों को वापिस नही किया गया तो सरकार को समूचे क्षेत्र की जनता के आक्रोश का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने सरकार से आन्दोलनकारियों के धेर्य की परीक्षा नही लेने की भी बात कही।
बाजपुर में जारी भूमि बचाओ आन्दोलन के 49वें दिन बाजपुर के व्यापारी वर्ग ने कदम बड़ाते हुए आज के क्रमिक अंशन में अपनी भागीदारी सुनिश्चित की। आज क्रमिक अंशन पर दर्शन गायेल, सत्यवान गर्ग, चंद्र प्रकाश मित्तल, अशोक गोयल तथा संजय सूद बैठे। इस अवसर पर उपस्थित तमाम बीस गांव के भूमि अधिकारों से वंचित कर दिये गये पीड़ितों व प्रभावितों को सम्बोधित करते हुए व्यापारी नेता दर्शन गोयल ने कहा कि प्रदेश सरकार ने हजारों लोगों के साथ बेइंसाफी कर दी है। उन्हांेने कहा कि एक तरफ प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी लाल किले की प्राचीर से देश दुनिया को सम्बोधित करते हुए ईज आफ लिविंग और्र इंज आफ डुईंग की बात कर देश भर की सरकारो व अधिकारियों को निर्देशित करते है कि वे ऐसे सभी कानूनो की समीक्षा कर उन्हें बदले या हटायें जो कानून जनता की आम जिंदगी में परेशानी का कारण बने हुए है वहीं दूसरी ओर उत्तराखण्ड सरकार अपने प्रधान मंत्री की बातों को नही मान रही है। उन्होंने कहा कि जनता के साथ की गयी यह बेइंसाफी सरकार को भारी पड़ेगी। उन्हांेने सरकार को कठोर शब्दो में चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही बीस गांव के हजारों लोगों के मालिका हकों को वापिस नही किया गया तो सरकार को समूचे क्षेत्र की जनता के आक्रोश का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने सरकार से आन्दोलनकारियों के धेर्य की परीक्षा नही लेने की भी बात कही। इस अवसर पर व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष सत्यवान गर्ग ने भी अपने सम्बोधन में कहा कि सरकार ने जिन बीस गांव के लोगों की जमीनो के हक छीनने का प्रयास किया है उन में काफी लोग व्यापारी हैं। उन्होंने हैरत व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड सरकार ऐसा कैसे कर सकती है।
उन्होंने याद दिलाया कि ग्राम विक्रमपुर में 1100 एकड़ जमीन पर सरकार ने भी इंडस्ट्रीयल ऐरिया घोषित करते हुए वहां देश भर से उद्योगों को आमंत्रित किया था। उन्हांेने बताया कि आज सरकार के इस आहवान और घोषित औद्योगिक आस्थान में मल्टीनेशनल पोलीप्लैक्स कारापेरेशन लि0 तथा बाबा रामदेव की बड़ी बड़ी फैक्ट्रियां लगी हुयी है। उन्हांेने बताया कि विवाद का केंद्र बना दी गयी इन्ही जमीनो पर सरकार के प्रशासनिक अधिकारियो ने 143 की कार्यवाही कर सैंकड़ो एकड़ भूमि के भू उपयोग परिवत्ति कर उन्हें कारोबार के लिये प्रस्तावित किया हुआ है और इसी जमीन पर आज दर्जनो स्टोनक्रेशर, राईस मिल, स्कूल, तथा स्टील फैक्ट्रिया व अन्य औद्योगिक कार्यवाहियां की जा रही हैं। उन्होंने सभी से सवाल किया कि सरकार को यह नही सोचना चाहिए कि इन जमीनो से अरबों रुपयों का राजस्व वसूल कर अब वो किस मूंह से इन औद्योगिक कारखानो को बंद करायेगी।
आन्दोलन पर बैठे संजय सूद, चंद्रप्रकाश मित्तल तथा अशोक गोयल ने भी सरकार की इस कार्यवाही की निंदा करते हुए उस का पुरजोर विरोध किया। उन्होंने कहा कि पिछले पचास से अधिक वर्षो से एक आम किसान, व्यापारी तथा मजदूर जिस ने इस क्षेत्र में भूमि क्रय की उन से तहसील राजस्व कर्मियों तथा रजिस्ट्री कार्यालय ने अरबों रुपयों के स्टाम्प शुल्क किस आधार पर लिये। क्या आज सरकार इस स्थिति में है कि वो इन तमाम लोगों से भूमि खरीद फरोख्त के दौरान लिये गये राजस्व को मय ब्याज के वापिस करे। उन्हांेने यह भी कहा कि लोगांे ने बकायदा नियमानुसार, सरकार के राजस्व का शुल्क अदा कर दाखिल खारिज कराते हुए भूलेखों में अपने नाम पंजीकृत कराये हैं ऐसे में गल्ती खुद सरकार से हुयी है आम आदमी से नही। उन्होंने जोरदेकर कहा कि जो कुछभी हुआ उस के लिये आम नागरिक किसी स्तर पर भी गुनाहगार नही है। सरकार को अपनी गलती मानते हुए प्रकरण के मुख्य लीज होल्डरों पर किये मुकदमेंॅ/जारी नोटिस वापिस लेकर सभी को यथा स्थिति बहाल करते हुए राहत प्रदान करनी चाहिए।
इस अवसर पर आन्दोलन स्थल पर पहुंचे बाबा प्रताप सिंह ने आन्दोलनकारियों का माल्यापर्ण कर उनका उत्साह बड़ाया। आन्दोलन के आयोजक रजनीत सोनू ने इस अवसर पर भूमि मामले में जारी सरकारी कार्रवाई की गति धीमी होने के कारण गहरा असंतोष भी व्यक्त किया। इस अवसर पर उन्हांेने आगामी 24 तारीख को प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली को ऐतिहासिक रैली बनाने की हुंकार भरी। उन्हांेने कहा कि यदि इस के बाद भी सरकार अगर नही जागती है तो आंदोलन को और भी तेज और उग्र कर दिया जाएगा।
आन्दोलन को जनकवि बल्ली सिंह चीमा, जगजीत सिंह, निरंजन दास गोयल, बलदेव सिंह, बीड़ी जोशी, मनोज गुप्ता, अमरनाथ शर्मा आदि ने भी संबोधित किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता भारतीय किसान यूनियन के दलजीत सिंह रंधावा ने की तथा संचालन सनी निज्जर ने किया।
इस मौके पर कर्म सिंह पडडा, राजनीत सिंह सोनू, विक्की रंधावा, कुलबीर सिंह, राजेश सिंघल, श्याम गोयल,प्रताप संधू, अजीत प्रताप सिंह, बिजेंदर डोगरा, सतनाम सिंह रंधावा, अमरनाथ शर्मा, अमन सिंह, पाल सिंह, बाबू सिंह चैहान, हरदीप सिंह, रूड सिंह, जीत सिंह, गुरदीप सिंह, तरसेम सिंह, सनी खैर, गुरविंदर सिद्धू,जसमीत भुल्लर, सतपाल पन्नू, गुरु प्रताप सिंह काका, मोनी भुल्लर, चंद्रसेन, जसवीर सिंह भुल्लर, हरपाल सिंह खैरा, हरदेव सिंह, जसवंत सिंह, मलूक सिंह, सुनील पाठक, सुखविंदर सिंह, मनोज गोयल, पंकज गुप्ता, रविन्द्र सिंह सुक्खा, तरुण मित्तल, विकास गोयल, लखविंदर सिंह, सुखविंदर सिंह, हरदेव सिंह, रणजीत सिंह, गुरविंदर सिंह, जयदीप सिंह, रविंद्र सिंह, मलूक सिंह, जसवंत सिंह, हरदेव सिंह, अभिषेक चैधरी, महेंद्र प्रसाद चैबे, मदन बिष्ट, अमित यादव, अनिल कुमार, संदीप गोयल, रोहित शर्मा, छत्रपाल नोनिहाल सिंह, बाबूराम, करन सिंह, योगेश सैनी, चमन सिंह, सतपाल बाजवा, मनप्रीत सिंह बांगू अदि किसान मजदूर व्यापारी मौजूद रहे। फोटो-18बीजेडपी02-भूमि आन्दोलन पर क्रमिक अंशन पर बैठे आन्दोलनकारी।