राजनीति

बेटियों के साथ अन्याय कर रही भाजपाःगरिमा

कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर लगाया गंभीर आरोप

देहरादून। प्रदेश कांग्रेस की गढ़वाल मंडल मीडिया प्रभारी गरिमा महरा दसौनी ने राज्य की प्रचंड बहुमत सरकार पर गरीब घर की बेटियों की अनदेखी का आरोप लगाया है। दसौनी ने कहा कि आज नौबत यह है कि भाजपा और आरएसएस के लोगों से ही बेटियां बचाने की जरूरत पड़ रही है। बेटियों से कहा जा रहा है आत्मनिर्भर बनकर बिना किसी सरकारी मदद के पढों।  

गरिमा माहरा दसौनी

सुश्री दसौनी ने कहा कि विगत साढ़े चार वर्षो में सरकार ने तीन बार यह साबित कर दिया कि उत्तराखण्ड वासियों को सबसे पहले भाजपा व आरएसएस के लोगों से बेटियों को बचाना है। चाहे वह भाजपा के पूर्व संगठन महामंत्री संजय कुमार का मामला हो,चाहे वह द्वाराहाट के विधायक श्री महेष नेगी का मामला हो, या चाहे ज्वालापुर से विधायक सुरेश राठौड़ का मामला हो। गरिमा के अनुसार इन तीनों मामलों में एक चीज कॉमन है कि भाजपा सरकार उन लोगों के साथ खड़ी है जिन लोगों पर आरोप लगे हैं, पीड़ित महिलाओं के साथ नहीं। आज तक इन तीनों में से एक की भी गिरफ्तारी नही हुई, बल्कि सरकार इन तीनों के पीछे ढाल बनकर खड़ी हो गई है।
दसौनी ने बताया कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने नन्दा देवी योजना व गौरा देवी योजना नामक दो योजनाएं महिलाओं को सशक्त व आत्मनिर्भर बनाने के लिए चलायी थी। इन योजनाओं के तहत बच्ची के पैदा होने से लेकर विवाह तक 1.13 लाख रूपये बच्ची के खाते में हस्तांतरित करती थी।

भाजपा की उत्तराखण्ड सरकार ने सबसे पहले तो इन दोनों योजनाओं को हटा कर एक योजना बनाया जिससे अब उन्हें मात्र 51 हजार रूपये हस्तांतरित किये जाते हैं। बिडंबना यह है कि बच्चियों को हतोत्साहित  करने का सिलसिला यही नही थमा। वर्ष 2017-18 में 38000 परिवारों की बच्चियां जिन्होनें उस वर्ष इण्टर किया था, आज भी अपने खातों में उस राशि की प्रतिक्षा कर रही है। बार-बार जब विधानसभा में कांग्रेस ने इस मुद्दे को उठाया तो सीएम ने आश्वस्त किया कि इन 38000 परिवारों की बच्चियों को तुरन्त ही इस योजना के तहत राशि का हस्तातंरण कर दिया जायेगा। पर अब उत्तराखण्ड सरकार ने 30 नवम्बर 2021 को अखबार में छपवाकर यह बताया कि उन बच्चियों को इस राशि को लेने से पूर्व की पेन कार्ड की प्रति भी जमा करवानी पड़ेगी। बच्चियां इस योजना के तहत लाभ लेना चाहती हैं उनकी आर्थिक स्थिति बहुत मजबूत नहीं होती है।

क्या उत्तराखण्ड की सरकार यह अपेक्षा करती है एक इण्टर पास करने वाली लड़की पहले पेन कार्ड बनाये फिर लाभ को ग्रहण करेगी। उपरोक्त दोनों उदाहरण बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की वास्तविकता को पूर्ण तरह परिलक्षित करती है और भाजपाध्आरएसएस की महिला विरोधी सोच को ही दर्शाती है।

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