उत्तराखंड

मां गंगा की भोगमूर्ति विग्रह डोली में भगवान समेश्वर और अन्य देवडोलियों के साथ गंगोत्री धाम के लिए रवाना हुई

मां गंगा के शीतकालीन पड़ाव व मायके मुखबा मुखीमठ से मां गंगा की भोगमूर्ति विग्रह डोली में भगवान समेश्वर और अन्य देवडोलियों के साथ गंगोत्री धाम के लिए रवाना हो गई है। मां गंगा की विग्रह डोली भैरोंघाटी में भैरो मंदिर में रात्रि विश्राम करेगी।

22 अप्रैल को अक्षय तृतीया पर्व पर गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खोले जाएंगे। श्री पांच गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष हरीश सेमवाल ने बताया कि शुक्रवार को मुखबा गांव से मां गंगा की डोली यात्रा दोपहर 12:15 बजे आर्मी के पाइप बैंड की धुन के साथ धाम के लिए रवाना हुई, जो कि रात्रि में भैरोंघाटी स्थित भैरव मंदिर में रहेगी।

यहां से अगले दिन सुबह शनिवार को गंगोत्री धाम पहुंचेगी जहां धाम के कपाट 12:35 बजे श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे। उन्होंने बताया कि गंगोत्री मंदिर को 11 क्विंटल गेंदे के फूलों से सजाया जा रहा है।

मां यमुना के शीतकालीन पड़ाव खरसाली से मां यमुना की डोली की विदाई अक्षय तृतीया पर्व शनिवार को सुबह 8:25 बजे होगी। पुरोहित सभा के अध्यक्ष पुरुषोत्तम उनियाल ने बताया कि शनिवार को यमुनोत्री धाम के कपाट कर्क लग्न अभिजीत मुहूर्त, कृतिका नक्षत्र में 12:41 पर खोले जाएंगे। मां यमुना की डोली को धाम तक छोड़ने के लिए उनके भाई शनिदेव की डोली भी साथ जाएगी।

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