एक्सक्लुसिव

खबर का असरः 30 जून तक किया जा सकता है वैट मामलों का निर्धारण

न्यूज वेट  ने  उत्तराखंड के व्यापारियों के वैट संबंधी मामले को प्रमुखता से उठाया था

वैट मामलों की अंतिम तारीख 31 मार्च होने से एक पक्षीय निर्धारण का खतरा बना था

लॉक डाउन की वजह से टैक्स सीएचआर बार एसोसिएशन नहीं कर पा रही पैरवी 

न्यूज वेट ब्यूरो

देहरादून। वित्तीय वर्ष 2016-17 के वैट मामलों के निर्धारण की अंतिम तारीख 31 मार्च-से बढ़ाकर 30जून 2020 कर दी गई है।   न्यूज वेट  ने  वैट मामलों में एक पक्षीय निस्तारण खबर के माध्यम से उत्तराखंड के व्यापारियों इस मामले को प्रमुखता से उठाया था।

खबर का असर यह हुआ कि सरकार ने इस संबंध में एक आदेश जारी करते हुए कहा है कि वित्तीय वर्ष 2016-17 के लिए कर निर्धारण या पुनः कर निर्धारण दिनांक 30 जून 2020 तक किया जा सकता है। यानी सरकार ने इस मामले में तीन माह का विस्तार दिया है।  देखें आदेश

करोना खतरे की वजह से इनकी सुनवाई नहीं हो पाने की वजह से एक पक्षीय वैट निर्धारण की आशंका जताई जा रही थी। इस संबंध टैक्स सीएचआर बार एसोसिएशन ने उत्तराखंड के व्यापारियों के वैट के वर्ष 2016-17 के कर निर्धारण केसों की समयवधि  बढाने की मांग मुख्यमंत्री, प्रमुख सचिव वित्त तथा आयुक्त कर को ई-मेल से ज्ञापन भेज कर की थी। 

न्यू वेट ब्यूरो ने इस मामले को प्रमुखता से उठाया था। एसोसिएशन के अध्यक्ष नदीम उद्दीन (एडवोकेट) की ओर से भेजे गए इस ज्ञापन में कहा गया था कि उत्तराखंड के व्यापारियों के वैट के वर्ष 2016-17 के कर निर्धारण केसों की समयवधि 31 मार्च 2020 नियत की गयी है। लेकिन बहुत बड़ी संख्या में यह केस वाणिज्य कर विभाग में सैटल नहीं हो पाए हैं। इसके बाद कालबाधित होने के कारण इनका एकपक्षीय निर्धारण करके टैक्स लगने का खतरा व्यापारियों पर मंडरा रहा है। व्यापारियों, एकाउन्टेंट तथा सीए व कर अधिवक्ताओं पर इस दबाव के चलते उन्हें लाक डाउन में भी घरों से बाहर निकलना पड़ रहा है।

ऐसे में 2016-17 के कर निर्धारण केसों का समय कम से कम छह माह बढ़ाकर इसकी सूचना प्रसारित करना तथा पूर्व की भांति अधिकतर केसों बिना कार्यालय बुलाये दाखिल विवरणों के आधार पर डीम्ड रूप से करने के आदेश किया जाना आवश्यक है।

 

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