राजनीति

नए अध्यक्ष से भाजपा ने साधा जातीय व क्षेत्रीय संतुलन

एक अलग अंदाज में दिखेगी उत्तराखंड भाजपा !

अपने बयानों से भी ‘चर्चा’ में रहते हैं महेंद्र

‘कट्टर’ हिंदुवादी छवि दिखाते रहे हैं भट्ट

सत्ता-संगठन में बनेगा और बेहतर तालमेल

देहरादून। पूर्व विधायक महेंद्र भट्ट को नया प्रदेश अध्यक्ष बनाकर भाजपा हाईकमान ने उत्तराखंड के लिहाज से क्षेत्रीय और जातीय संतुलन साधने की कोशिश की है। अहम बात यह भी है कि भट्ट जिस अंदाज की सियासत करते हैं, उससे उत्तराखंड भाजपा का एक नया रूप दिख सकता है। इतना ही नहीं अब सत्ता और संगठन के बीच तालमेल और बेहतर हो सकता है।

उत्तराखंड में कुमाऊं और गढ़वाल के बीच क्षेत्रीय व जातीय संतुलन साधने की चुनौती सियासी दलों के सामने रहती है। भाजपा ने नए अध्यक्ष महेंद्र भट्ट की ताजपोशी से इसे साध लिया है। सत्ता के मुखिया पुष्कर सिंह धामी ठाकुर समाज से हैं और कुमाऊं के हैं। अब अध्यक्ष बनाए गए महेंद्र भट्ट गढ़वाल के ब्राह्मण समाज से हैं। सियासी जानकारों का कहना है कि धामी और भट्ट का आपसी सामंजस्य बेहतर है। इसका लाभ भी एक दूसरे पूरी तरह से मिलेगा।

अहम बात यह भी है कि भट्ट के अध्यक्ष बनने के बाद उत्तराखंड भाजपा एक नए रूप में दिख सकती है। भट्ट की सोशल मीडिया पर पोस्ट और उनके बयान उनकी छवि एक कट्टरवादी हिदुंत्व की दिखाती है। भट्ट एक संप्रदाय विषेश के खिलाफ अपनी बेबाक टिप्पणियों के लिए भी जाने जाते हैं। उनके तमाम बयान आए दिन सुर्खियों में रहते हैं। अगर भट्ट ने अध्यक्ष बनने के बाद भी अपने पुराने तेवर ही बनाए रखे तो प्रदेश भाजपा का पूरा कलेवर ही बदला नजर आएगा।

ये हैं महेंद्र भट्ट का सियासी सफर

प्रदेश कार्यालय में कार्यभार ग्रहण करने के बाद उत्तराखंड भाजपा अध्यक्ष महेंद्र भट्ट

1991 से 1996 तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में प्रदेश सह मंत्री, जिला संयोजक, जिला संगठन मंत्री, विभाग संगठन मंत्री का दायित्व संभाला।,1997 में भाजपा युवामोर्चा का प्रदेश सह मंत्री रहे।, 1998 से 2000 में उत्तरांचल युवामोर्चा में प्रदेश महामंत्री का दायित्व संभाला।,2000 से 2002 में राज्य निर्माण के समय उत्तरांचल प्रदेश युवा मोर्चा का प्रथम प्रदेश अध्यक्ष रहे।, 2002 से 2005 तक युवामोर्चा राष्ट्रीय कार्यसमिति का सदस्य-हिमांचल एवं महाराष्ट्र युवामोर्चा के प्रदेश प्रभारी का दायित्व संभाला।,32 साल की उम्र में 2002 से 2007 तक उत्तराखंड की प्रथम निर्वाचन में 39 नंदप्रयाग विधानसभा से सदस्य निर्वाचित हुए और विधानमंडल में मुख्यसचेतक का दायित्व संभाला।, 2007 से 2010 तक प्रदेश भाजपा में विभिन्न दायित्व, प्रदेश मंत्री, गढ़वाल संयोजक व प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य रहे।, 2010 से 2012 तक राज्यमंत्री का दायित्व संभाला। लघु सिंचाई अनुश्रवण समिति में उपाध्यक्ष रहे।
2012 से 2014 तक दोबारा उत्तराखंड भाजपा के गढ़वाल प्रभारी रहे।
2014 से 2017 तक दोबारा भाजपा मं प्रदेश मंत्री रहे।,2016 में कांग्रेस सरकार के खिलाफ परिवर्तन यात्रा के गढ़वाल प्रभारी रहे।, 2017 के विधानसभा चुनाव में बदरीनाथ विधानसभा से सदस्य निर्वाचित हुए।
रामजन्मभूमि आंदोलन में 15 दिन पौड़ी के कांसखेत में जेल में रहे।
उत्तराखंड राज्य आंदोलन में पांच दिन पौड़ी जेल में रहे।”

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