तलाशेगें नड्डा, आखिर कहां है गढ्डा
भाजपा संगठन और सरकार के लिए अगले दो रोज खासे अहम
अफसरों की कार्यशैली पर भी उठ सकतें हैं सवाल
कई नाराज विधायकों को मीटिंग से बहुत उम्मीद
नेताओं के माध्यम से होगी कार्यकर्ताओं की बात
नए क्षत्रप सुरेश भट्ट पर रहेंगी निगाहें
देहरादून। प्रदेश भाजपा संगठन और त्रिवेंद्र सरकार के लिए अगले दो रोज खासे अहम रहने वाले हैं। वजह यह है कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा इन दिनों देहरादून प्रवास पर हैं और 2022 के लिहाज से यह तलाशेगें कि आखिर कहां-कहां हैं गढ्डे। इस दौरान वो तमाम बातें फिर से सामने आ सकती हैं जो पिछले लंबे समय से सुर्खियों में रहीं हैं।
नड्डा का यह दौरा खासा अहम है। इस दो दिनी प्रवास के दौरान वे भाजपा विधायकों से तो मिलेंगे ही, मंत्रियों के साथ ही बैठक करने वाले हैं। नड्डा भाजपा के नेताओं से भी भेंट करने वाले हैं। अब सवाल ये हैं कि इन मीटिंग्स के दौरान नड्डा ये तलाश करेंगे कि गढ्डे कहां हैं और उन्हें कैसे भरा जा सकता है। सूत्रों का कहना है कि नड्डा के पास पूरा फीड बैक है और वे लोगों से बात करके यह समझेंगे कि खामी कहां हैं।
सूत्रों का कहना है कि अध्यक्ष से भेंट के दौरान विधायक अपने दिल का दर्द बयां करेंगे। वो ये भी बताएंगे कि सूबे की अफसरशाही ने उनकी क्या औकात बना दी है। इस मामले में विधायक राजेश शुक्ला, विधायक पूरन फर्त्याल के साथ ही राज्यमंत्री रेखा आर्य के नाम प्रमुखता से लिए जा रहे हैं। इसके अलावा एक शांत स्वभाव वाले काबीना मंत्री भी अपना दर्द बयां कर सकते हैं। एक वरिष्ठ काबीना मंत्री के विभाग की जांच और एक अन्य वरिष्ठ मंत्री के जांच के आदेश को हवा में उड़ाने का मामला भी नड्डा के गले ही हड्डी बन सकता है।
इन सबके बीच नड्डा के इस दौरे में यह भी देखना होगा कि हरिणाया से आए नए क्षत्रप सुरेश भट्ट की क्या भूमिका रहती है। देखना यह भी होगा कि वे अन्य महामंत्रियों की तरह ही एक सामान्य कार्यकर्ता बने रहते हैं या फिर नड्डा उन्हें कोई खास तरजीह देकर उत्तराखंड में भविष्य की सियायत को लेकर कोई अघोषित संदेश देते हैं।
बहरहाल, नड्डा की ओर से सत्ता और संगठन में कितने गढ्डे तलाश पाते हैं और आने वाले समय में उसका क्या असर उत्तराखंड में दिखाई देगा, यह तो आने वाला समय ही बताएगा। लेकिन फिलवक्त तो भाजपाई खेमे में माहौल खासा गर्म है।