…तो ‘गैर विधायक’ बनेगा उत्तराखंड का नया सीएम !

धामी और बलूनी के बीच सिमटा दिख रहा मुकाबला
कई विधायक भी कर रहे हैं खुद के लिए लाबइंग
त्रिवेंद्र जगा चुके भाजपा अध्यक्ष कौशिक के अरमान
प्रेम अग्रवाल ने खुलकर पेश कर दी अपनी दावेदारी
धन सिंह भी संघ के माध्यम के कुर्सी की जुगत में
सतपाल महाराज भी कर रहे खास मौके का इंतजार
केंद्रीय राज्यमंत्री अजय भट्ट का नाम भी है चर्चा में
देहरादून। नतीजा आने के सात दिन बाद भी उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री की तसवीर साफ नहीं हो सकी है। कई विधायक दावेदारी कर रहे हैं तो एक केंद्रीय मंत्री का नाम भी चर्चा में है। लेकिन सूत्रों का दावा है कि इस बार भी किसी गैर विधायक के सिर ही ताज सज सकता है। ऐसे में कार्यवाहक सीएम पुष्कर सिंह धामी और रास सांसद अनिल बलूनी का नाम सबसे आगे बताया जा रहा है।
भाजपा ने इस बार पुष्कर का चेहरा आगे करके चुनाव लड़ा। लेकिन नतीजा आया तो भाजपा को सत्ता हाथ लगी। लेकिन धामी खुद खटीमा से अपना चुनाव हार गए। इसके बाद से ही नए सीएम को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं। विधायकों की बात करें तो धन सिंह रावत, सतपाल महाराज और मदन कौशिक का नाम चल रहा है। विधायक प्रेम अग्रवाल ने तो खुद ही अपनी दावेदारी कर दी है। इसी तरह से सांसदों में केंद्रीय राज्यमंत्री अजय भट्ट, डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक और अनिल बलूनी का नाम भी तेजी से चल रहे हैं।
सूत्रों का कहना है कि भाजपा हाईकमान ने सभी हालात पर मंथन कर लिया है। किसी लोकसभा सांसद को यह पद देने पर भाजपा को एक लोकसभा और एक विधानसभा का चुनाव लड़ना होगा। सूत्रों का कहना है कि अगर बलूनी को सीएम बनाया जाता है तो भाजपा को कोई भी दिक्कत नहीं होने वाली। विस में भाजपा बहुमत में हैं और कोई भी नेता आसानी से बलूनी की जगह राज्यसभा जा सकता है।
सूत्रों का कहना है कि हाईकमान ने धामी की दावेदारी पर भी गंभीरता से विचार किया है। सोचा जा रहा है कि जिस व्यक्ति के चेहरे पर चुनाव लड़ा गया तो सत्ता मिलने पर उसे कैसे नजरअंदाज किया जाए। बताया जा रहा है कि यह बात लगभग तय है कि इस बार भी किसी गैर विधायक को ही सीएम बनाया जाएगा। ऐसे में सांसद बलूनी और कार्यवाहक सीएम पुष्कर सिंह धामी के बीच ही मुकाबला सिमटा दिख रहा है।
बहरहाल, भाजपा फाइनली क्या निर्णय लेती है यह तो दो रोज बाद ही साफ होगा। लेकिन फिलवक्त तो सबकी अपनी-अपनी दावेदारी और मीडिया में कयासों का दौर जारी है।