आर्थिक लाभ लेने को की गईं विधानसभा में भर्तियां
सीबीआई और ईडी करे इसकी जांचः रमोला
पूर्व स्पीकर प्रेम की तमाम संपत्तियों का किया खुलासा
कौड़ियाला में पत्नी शशि ने खरीदा दो करोड़ का रिसार्ट
बेटे पीयूष ने इसी अगस्त में ली 1.05 करोड़ की जमीन
मीडिया को दिए कई अन्य संपत्तियों की के भी कागजात
ऋषिकेश। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य जयेंद्र रमोला ने पार्षदों के साथ प्रेस वार्ता में विस में हुए भर्ती घोटाले में हुऐ आर्थिक लेनदेन की आशंका जताते हुए सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय से जांच करने की मांग की। उन्होंने मीडिया को पूर्व स्पीकर प्रेमचंद अग्रवाल की पत्नी और पुत्र द्वारा खरीदी गई करोड़ों की संपत्तियों के कागजात भी दिए।
प्रेस वार्ता में रमोला ने कहा कि विधानसभा में बैक डोर की भर्ती को विपक्ष सहित सत्ता पक्ष के लोग भी ग़लत मान रहे हैं। उन्हें आशंका है कि इसमें कहीं न कहीं बहुत बड़े स्तर पर आर्थिक लाभ लेने के लिए ये भर्तियाँ की गई हैं। पूर्व में हमारे युवा कांग्रेस के साथी अभिनव मलिक ने एक जनवरी 2022 को प्रेस और सोशल मीडिया के माध्यम से इन नियुक्तियों के होने की अग्रिम सूचना दी वो भी नामों को उजागर करके। इन भर्तियों को वित्तीय संस्तुति 30 मार्च 2022 को वित्तीय मंत्री बनते ही प्रेमचन्द अग्रवाल ने दी।
रमोला ने कहा कि इसमें आर्थिक लाभ लेने की बात इसलिये भी कर रहे हैं कि मंत्री प्रेमचन्द अग्रवाल के परिजनों के नाम चुनाव से कुछ माह पूर्व व चुनाव के कुछ माह बाद करोड़ों रूपये की सम्पत्ति की ख़रीद की गई। सवाल ऐसी कौन सी लाटरी लगी कि विधानसभा जैसे बड़े चुनाव लड़ने के पूर्व व तुरंत बाद करोड़ों रूपयों की सम्पत्ति कहॉं से और कैसे ख़रीदी गई, हमें लगता है कि कहीं ना कहीं यह सम्पत्तियाँ विधानसभा की भर्तियों की एवज़ में ली गई है ।
रमोला ने बताया कि सबसे बड़ी बात ये है कि विवादित खसरा संख्या 279/1 भरत विहार में तत्कालीन उपजिलाधिकारी द्वारा मंत्री प्रेमचन्द अग्रवाल के बेटे पीयूष अग्रवाल को अनापत्ति प्रमाण पत्र दिया और तो और नगर निगम में भी सम्पत्ति को दर्ज करवाया गया जबकि वर्षों से वहाँ रहने वाले परिवारों को आज तक ये सुविधा नहीं दी गई ये भी जाँच का विषय है ।
रमोला ने कहा कि हम मंत्री की बर्ख़ास्तगी के साथ साथ माननीय सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज की निगरानी में सीबीआई की जाँच व प्रवर्तन निदेशालय की जाँच माँग करते हैं ताकि ये भर्ती के दौरान खरीदी गईं सम्पत्तियों की निष्पक्ष जाँच हो सके। उत्तराखंड के युवाओं के साथ छल करने का काम किया गया है। हम विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी से भी माँग करते हैं कि आप पूर्णत: निष्पक्ष जांच करें और दोषियों पर कार्यवाही करें अन्यथा हमें उच्च न्यायालय की शरण लेनी पड़ेंगी ।
युंका नेता एडवोकेट अभिनव सिंह मलिक ने कहा कि मैंने जनवरी के माह में पहले ही प्रेस के माध्यम से बताया था कि तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल द्वारा गुप चुप तरीके से नियुक्तियां की जाने वाली है परन्तु उस वक्त सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया और बैक डोर से भर्ती की गई। इसलिये विधानसभा में जो भी भर्ती बैक डोर से की गई हैं उन्हें जल्द से जल्द निरस्त की जाएं और प्रदेश के युवाओं को नौकरी दी जाएं। अन्यथा युवाओं सड़को पर उतरकर उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे।