राजनीति

राहुल जी, उत्तराखंड का राहुल मैं हूं

उपेक्षति हरदा ने फेसबुक में बयां किया दिल का दर्द

अभी भीसोशल मीडिया में सबसे आगे हूं मैं

अब तक तो हर बार की गई है मेरी उपेक्षा

अंतिम सांस थक थामे रहूंगा कांग्रेस का झंडा

देहरादून। उत्तराखंड में 2022 में विधान सभा चुनाव होने हैं। राजनीतिक दलों की सक्रियता बढ़ गई है। सोशल मीडिया पर देखें तो कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत सबसे आगे दिखते हैं। इन हालात में हरदा ने एक फेसबुक पर भावुक पोस्ट लिखी है। इसमें उनके दिल का दर्द साफ दिख रहा है तो ये भी दिख रहा है कि उन्हें सीएम पद का चेहरा घोषित किया जाए।

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पूर्व सीएम रावत ने सोशल मीडिया पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी को संबोधित पत्र में पहले 2002 में न कह देने और फिर 2012 में उनको नहीं पूछे जाने के दर्द को भी बयां कर दिया। उन्होंने लिखा है, 2014 में भी हिमालयन त्रासदी के बाद पुनर्वास और पुनर्निर्माण का सवाल नहीं होता तो शायद मैं मुख्यमंत्री नहीं होता, लेकिन मैं मुख्यमंत्री बना।

हरदा लिखते हैं कि  राहुल जी, हम भी राहुल हैं और जीवन की अंतिम सांस तक कांग्रेस का झंडा थाम करके खड़े रहने वाले लोग हैं। सुश्री सुष्मिता देव के तृणमूल का दामन थामने से मुझे न आश्चर्य हुआ, न दु:ख हुआ। ये कुछ अंग्रेजी दां, कंप्यूटर दां, सुविधाओं के आदि हैं इनको जहां अच्छा पद मिला, ये वहां भागने वाले लोग हैं।

ये हरीश रावत नहीं हैं, 2002 में पार्टी ने न कहा तो पार्टी का झंडा थाम करके खड़ा रहा।  2007 में बहुमत बना लिया था जोड़-तोड़ से ही सही, दिल्ली से पार्टी ने बयान जारी किया कि मैंडेट भाजपा के पक्ष में है, कांग्रेस जोड़-तोड़ की राजनीति नहीं करती है, हमने अपने साथ खड़े लोगों को कहा आप स्वतंत्र हैं, हमारे साथ रहना चाहें या जहां चाहें, भाजपा की सरकार बनी। 2012 में सीएलपी और  पीपीसी अध्यक्ष भी अपनी-2 सीटों पर संघर्ष में जुटे रहे, हरीश रावत हेलीकॉप्टर लेकर गाढ़-गधेरे, दांडे-कांडों में चुनाव प्रचार में जुटा रहा।

मुख्यमंत्री चयन की बात आई तो मुझसे एक शब्द पूछा तक नहीं गया, 2014 में भी हिमालयन त्रासदी के बाद पुनर्वास और पुनर्निर्माण का सवाल नहीं होता तो शायद मैं आज भी मुख्यमंत्री नहीं होता लेकिन मैं मुख्यमंत्री बना, कांग्रेस ने बनाया हमेशा उसका ऋणी रहूंगा और इस समय भी कोरोना से बुरी तरीके से संतप्त शरीर को लेकर के भी कांग्रेस के लिए ही काम करता रहा।

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