हरदा को ‘अभिमन्यु’ की तरह घेरने की मंशा !

अमित शाह ने केवल हरीश को ही लिया अपने निशाने पर
कद बढ़ा तो अपनों के ही निशाने पर आ जाएंगे हरदा
सियासी चक्रव्यहू तोड़ने की जुगत में कांग्रेसी दिग्गज
देहरादून। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अपने सियासी दौरे में कांग्रेस को नहीं केवल हरदा को ही अपने निशाने पर लिया। इससे साफ जाहिर हो रहा है कि भाजपा की मंशा हरदा को अभिमन्यु की तरह अकेले ही घेरने की है। और हरदा हैं कि भाजपा के इस सियासी चक्रव्यूह को भेदने की जुगत में हैं।
पिछले दिनों अमित शाह ने उत्तराखंड में चुनावी शंखनाद कर दिया है। अहम बात यह भी है कि शाह ने उत्तराखंड कांग्रेस को नहीं केवल हरीश रावत को ही निशाने पर लिया है। जाहिर है कि अब स्थानीय और यहां आने वाले अन्य भाजपा नेता भी अमित शाह की राह पर चलकर हरदा पर ही हमला करेंगे।
सियासी जानकार कहते हैं कि अमित शाह ने ऐसा एक ऱणनीति की तरह किया है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि भाजपा को सबसे ज्यादा खतरा हरीश रावत से ही है। साथ ही यह बात भी साफ है कि उत्तराखंड की कांग्रेसी सियासत में हरदा के तमाम विरोधी हैं। जानकारों का कहना है कि भाजपा के सियासी हमलों से हरीश रावत का कद और बढ़ेगा। ऐसे में कांग्रेस में अंदरखाने हरदा के विरोधी उन्हें कमजोर करने की कोशिश भी करेंगे। भाजपा भी यही चाहती है कि हरदा को अंदरूनी लड़ाई में ही उलझा दिया जाए। ताकि वे भाजपा पर ज्यादा फोकस कर ही न पाएं।
लगता है कि हरदा ने भी भाजपा की इस चाल को समझ लिया है। शायद यही वजह है कि उन्होंने अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि भाजपा उन्हें सीबीआई के जाल में फंसा सकती है। इतना ही नहीं भाजपा के इस सियासी चक्रव्यूह को भेदने की दिशा में काम करते हुए हरदा ने अमित शाह को चुनौती दे डाली है कि भाजपा और कांग्रेस दोनों के स्टिंग आम जनता को दिखाएं जाएं और सही-गलत का फैसला भी जनता को चुनाव में करने दिया जाए। बहरहाल, अमित शाह ने हरदा पर सियासी हमला करके साफ इशारा कर दिया है कि उत्तराखंड में भाजपा को कांग्रेस ने नहीं हरदा से ही खतरा है। अब देखने वाली बात यह होगी कि भाजपा का हरदा के खिलाफ अगला कदम क्या होगा।