राजनीति

भाजपाः रुद्रपुर और काशीपुर में सियासी संकट !

कहीं खुली ‘बगावत’ तो कहीं ‘मौन’ से विरोध

शिव को मिल रही राजकुमार की चुनौती

त्रिलोक को राम मिल रहे न ऊषा की किरन

देहरादून। सत्ता में वापसी का ख्वाब देख रही भाजपा यूं तो कई सीटों पर फंसी है। लेकिन काशीपुर और रुद्रपुर दोनों ही सीटों पर भाजपा गंभीर सियासी संकट में दिख रही है। रुद्रपुर में भाजपा विधायक ने खुली बगावत कर दी है तो काशीपुर में दिग्गज भाजपाई मौन से विरोध कर रहे हैं। अहम बात यह भी है ये दोनों ही सीटें भाजपा के कब्जे में थीं।

पहले बात काशीपुर की। इस सीट ने भाजपा ने अपने 20 साल से विधायक हरभजन सिंह चीमा के पुत्र त्रिलोक सिंह चीमा को प्रत्याशी बनाया है। इसके बाद से भी शहर भाजपा में भूचाल है। 20 साल के टिकट का इंतजार रहे नेताओं को यह परिवारवाद रास नहीं आ रहा है। इन नेताओं ने खुली बगावत करके हाईकमान को चेताया भी। लेकिन टिकट बदला नहीं गया। अब हालात ये हैं कि दिग्गज नेताओं ने मौन विरोध शुरू कर दिया है। मेयर ऊषा चौधरी कहीं दिख नहीं रही है और वरिष्ठ नेता राम मेहरोत्रा ने काशीपुर की बजाय जसपुर सीट पर फोकस कर लिया है। ऐसे में इन नेताओं के हजारों समर्थक भी भाजपा प्रत्याशी त्रिलोक चीमा से दूरी बना चुके हैं। पिछले दिनों चुनावी कार्यालय के उदघाटन के मौके पर न तो कार्यकर्ता दिखे और न ही दिग्गज नेता। ऐसे में विधायक जी को भीड़ दिखाने के लिए दूसरे तरीके अपनाने पड़े।

रुद्रपुर सीट पर भी पिछले दस सालों ने भाजपा विधायक राजकुमार ठुकराल काबिज हैं। इस पार पार्टी ने उनका टिकट काट कर जिलाध्यक्ष शिव अऱोरा को प्रत्याशी बनाया है। इस पर ठुकराल ने बगावत कर दी और निर्दलीय पर्चा दाखिल कर दिया है। उन्हें मनाने की तमाम कोशिशें बेकार हो चुकी हैं। हिंदुत्व के नाम पर चुनावी समर में ठुकराल के आने से उनके हजारों समर्थक भाजपा प्रत्याशी से दूरी बना चुके हैं। अन्य दावेदार रहे नेताओं ने भी मौन रहकर सियासी तमाशा देखने का मन बना लिया है। यही वजह है कि शिव के साथ नाममात्र के ही भाजपाई दिख रहे हैं। बताया जा रहा है कि ठुकराल की ये बगावत पड़ोस की सीटों किच्छा और गदरपुर में भी भाजपा प्रत्याशियों की परेशानी बढ़ा सकती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button