भाजपा चाहती है हरदा की ‘सियासी कैद’

कांग्रेस में सबसे ज्यादा सक्रिय है दिग्गज कांग्रेसी हरीश
भाजपा का हर नेता कर रहा है उन्हीं पर हमला
अकेले ही ‘अभिमन्यु’ की तरह लड़ रहे हैं हरदा
देहरादून। उत्तराखंड का 2022 का सियासी समर बेहद दिलचस्प होने वाला है। सत्तारूढ़ भाजपा सत्ता बचाने की मशक्तत में हैं तो कांग्रेस सत्ता पाने को बेताब। इस माहौल में भाजपा के निशाने पर केवल हरदा ही हैं। भाजपा उन्हें सियासी तौर पर कैद करने की जुगत में है तो हरदा अभिमन्यु की तरह अकेले ही मोर्चा संभाले हैं।
आम चुनाव में महज तीन महीने ही बाकी है। सभी सियासी दल और सत्तारूढ़ भाजपा लोकलुभावनी घोषणाओं की झड़ी लगा रहे हैं। इस माहौल में एक अजब सियासी खेल चल रहा है। कांग्रेस चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष हरीश रावत खासे सक्रिय हैं। वे रोजाना ही भाजपा की ओर कोई न कोई सियासी तीर चला रहे हैं। जवाब में भाजपा के तमाम दिग्गज उन पर हमलावर हैं।
दरअसल, भाजपा को कांग्रेस में सबसे ज्यादा खतरा हरीश रावत से ही है। हरीश के अलावा कांग्रेस में ऐसा कोई नेता नहीं है, जिसकी पकड़ पूरे प्रदेश में हो। हरीश अकेले ही सत्तारूढ़ पक्ष को अपने सवालों से असहज करने की कोशिश में हैं। शायद यही वजह है कि भाजपा भी केवल हरीश रावत को ही सियासी कैद में करना चाहती है। हरदा का एक बात या एक आरोप का जवाब देने के लिए स्थानीय से लेकर दिल्ली तक के नेता तैयार हो जाते हैं। काबीना मंत्री हरदा को उनके सवालों पर घेरते हैं तो सीएम सुदूर पर्वतीय अंचलों में हरदा पर ही कटाक्ष कर रहे हैं। सियासी सूत्रों का कहना है कि भाजपा की सोच है कि अगर हरीश रावत को सियासी कैद (सभी मामलों में उलझा कर रखना) देने में सफलता मिलती है तो कांग्रेस के अन्य नेताओं की चिंता नहीं है। अन्य सभी नेता अपनी सीट बचाने की जुगत में ही लगेंगे और भाजपा में नेताओं की फौज अपनी सक्रियता से अन्य नेताओं को निपटा लेगी।
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