कोरोनाः उत्तराखंड में गिर रहा रिकवरी रेट
जुलाई की शुरुआत में 81 से अंत में रहा गया महज 58 फीसदी
हरिद्वार और यूएस नगर सबसे पीछे
पर्वतीय जनपद अब भी सबसे आगे
देहरादून। कोरोना संकट के बीच उत्तराखंड के लिए एक चिंताजनक खबर है। इस राज्य में रिकवरी का प्रतिशत पिछले एक माह में 23 फीसदी तक गिर गया है। अहम बात यह है कि ये हालात सबसे ज्यादा आबादी वाले मैदानी जिलों में ज्यादा खराब हैं।
सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटी फाउंडेशन नाम की संस्था कोरोना को लेकर रोजना जारी होने वाले सरकारी आंकड़ों की समीक्षा कर रही है। इस संस्था के मुखिया अनूप नौटियाल ने आज एक ट्वीट किया है। इसके आंकड़े चौंका से रहे हैं। इस समीक्षा के मुताबिक जुलाई माह की शुरुआत में उत्तराखंड में कोरोना मरीजों का रिकवरी रेट 81 फीसदी था। इसी माह के अंत में यह आंकड़ा महज 58 फीसदी रह गया है। यानि कि उत्तराखंड में रिकवरी रेट 23 फीसदी तक गिर गया है।
अनूप के मुताबिक रिकवरी रेट के मामले में 92 फीसदी के साथ बागेश्वर जिला सबसे आगे है। रिकवरी का आंकड़ा चमोली और टिहरी में 89 फीसदी, रुद्रप्रयाग में 87 फीसदी, पौड़ी में 85 फीसदी, अल्मोड़ा में 71 फीसदी,देहरादून में 70 फीसदी, उत्तरकाशी में 63 फीसदी, नैनीताल में 61 फीसदी, चंपावत में 58 फीसदी, पिथौरागढ़ में 49 फीसदी है।
राज्य के मैदानी जिलों हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर में रिकवरी के हालात ज्यादा खराब हैं। अनूप के मुताबिक ऊधमसिंह नगर में रिकवरी का आंकड़ा 37 और हरिद्वार में महज 36 फीसदी पर ही सिमट गया है। अगर पूरे राज्य की बात करें तो जुलाई माह की शुरुआत में उत्तराखंड में रिकवरी 81 फीसदी थी तो इस माह के अंत यानि 31 जुलाई को महज 58 फीसदी रह गई है।