खर्च न करने पर चार माननीयों की सांसद निधि केंद्र सरकार ने रोकी
2014 में जीते सांसदों की 26 करोड़ की राशि नहीं हुई खर्च
2019 में जीते सांसदों की निधि का एक भी रूपया खर्च नहीं
देहरादून। वर्तमान सांसद बीते छह माह में अपनी सांसद निधि का एक रुपया भी खर्च नहीं कर सके हैं। चार सांसदों को पिछली राशि शेष होने की वजह से केंद्र सरकार ने नई राशि तक जारी नहीं की है। यह खुलासा आरटीआई के तहत मिली जानकारी से हुआ है।
काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन ने उत्तराखंड के सांसदों की सांसद निधि खर्च के बारे में सूचना मांगी थी। इसके जवाब में बताया गया कि नए सांसदों में से केवल टिहरी सांसद को ही ढाई करोड़ की राशि दी गई है। अन्य चार सांसदों को कोई पैसा नहीं मिला है। इसकी वजह इनकी पिछली राशि का खर्च न होना ही है।
नदीम को उपलब्ध सूचना के अनुसार दिसंबर-19 तक पिछली लोकसभा के सांसदों को ब्याज सहित 99.66 करोड़ सांसद निधि में है। अल्मोड़ा सांसद अजय टम्टा की ब्याज सहित सांसद निधि 2633.84 लाख है। इसमें से दिसंबर 2019 तक केवल आधी राशि ही खर्च हुई है। हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक की कुल 2605.09 लाख सांसद निधि में से 77 फीसदी ही खर्च हुई है। पौड़ी सांसद रहे बी.सी.खंडूरी की 2531.32 लाख की निधि में से केवल 40 फीसदी ही खर्च हुई है। टिहरी सांसद श्रीमति राजलक्ष्मी की 2634.83 लाख की पिछले सांसद निधि में से 68 फीसदी खर्च हुई है। नैनीताल से सांसद रहे भगत सिंह कोश्यारी की 2560.9 लाख की सांसद निधि 70 फीसदी खर्च हुई है।
उपलब्ध सूचना के अनुसार उत्तराखंड के पिछली लोकसभा के सांसदों की निधि से कुल 9128 कार्य स्वीकृत हुए। इनमें से दिसंबर 2019 तक 50 फीसदी काम हुए हैं। 13 फीसदी काम चल रहे हैं और 37 फीसदी पर दिसंबर-19 तक काम ही शुरू नहीं हुआ है। एक तरफ जनप्रतिनिधि आए दिन धन की कमी का रोना रोते हैं तो दूसरी तरफ करोड़ों की राशि सांसदों की निधि में बेकार ही पड़ी है।