एक्सक्लुसिव

कोरोनाः पहाड़ में बढ़ता मौत का आंकड़ा

अकेले पौड़ी जिले में अब तक दो सौ बने काल का ग्रास

नौ जिले में एक से 13 मई के बीच 301 की मृत्यु

देहरादून। उत्तराखंड के नौ पर्वतीय जिलों में कोरोना से होने वाली मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। एक से 13 मई के बीच नौ पर्वतीय जनपदों में 301 लोग काल का ग्रास बन चुके हैं। मौत के मामले में पौड़ी जनपद सबसे आगे है। इस जिले में कोरोना से अब तक कुल तीन सौ लोगों की मृत्यु हो चुकी है। समाजसेवी और संस्थाएं इन हालात पर गहरी चिंता जाहिर करे रहे हैं।

सामाजिक संस्था सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटीज फाउंडेशन नामक संस्था पिछले साल कोरोना की शुरुआत से ही सरकार की ओर से दिए जाने वाले आंकड़ों का अध्ययन कर रही है। इस संस्था के मुखिया अनूप नौटियाल ने विगत दिवस नौ पर्वतीय जिलों के आंकड़ों का अध्ययन कर एक रिपोर्ट जारी की है। यह रिपोर्ट खासी चौंकाने वाली है। अनूप के अनुसार पर्वतीय जिलों में कोरोना से मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। इस मामले में पौड़ी जिला सबसे आगे हैं।

इस रिपोर्ट के अनुसार 15 मार्च-2020 से 30 अप्रैल-2021 तक नौ पर्वतीय जिलों में 312 लोगों की मौत हुई थी। इसी अवधि में पूरे उत्तराखंड में 2624 मौत हुई। इस लिहाज से नौ पर्वतीय जिलों में कुल मौत में 11.90 फीसदी मौत हुई थी। अनूप ने एक से 13 मई-2021 के आंकड़े अलग से जारी किए हैं। इसके अनुसार इम 13 दिनों में उत्तराखंड में 1621 लोगों की मौत हुई। इनमें से नौ पर्वतीय जिलों में 301 लोगों का मौत हुई। इन 13 दिनों में कुल मौत में से पर्वतीय जिलों में 18.60 फीसदी मौत हुईं। अनूप कहते हैं कि पर्वतीय जिलों में टेस्टिंग बढ़ाने, दवाओं की किट वितरण में तेजी लाने और स्वास्थ्य सेवाओं में विस्तार की तत्काल जरूरत है।

पलायन एक चिंतन के संयोजक और समाजसेवी रतन सिंह असवाल ने भी पहाड़ पर बढ़ते संक्रमण पर अपनी चिंता जाहिर की है। असवाल ने अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि कोरोना के बारूद पर खड़ा पहाड़। नीति नियंता समय रहते संज्ञान लें। असवाल इससे पहले भी सरकारी सिस्टम को पहाड़ की सुध लेने की नसीहत देते रहे हैं।

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