ब्यूरोक्रेसी

निजी संस्थानों में देरी से आने या जल्दी जाने पर कटता है वेतन

‘सेलरी’ से जुड़े ‘बायोमीट्रिक’ हाजिरी तो बने ‘बात’

तब तय समय तक दफ्तर में रहना होगी मजबूरी

लापरवाही की तो ऑटोमैटिक कट जाएगी तनख्वाह

देहरादून। सीएम पुष्कर धामी के आरटीओ दफ्तर में छापे के बाद सरकारी अफसरों और कर्मियों की लापरवाही खासी चर्चा में है। अब बायोमाट्रिक मशीन से हाजिरी को जरूरी बनाया जा रहा है। लेकिन बात उस वक्त तक नहीं बनने वाली जब तक तनख्वाह को ऑटोमैटिक मोड में बायोमाट्रिक हाजिरी से नहीं जोड़ा जाता।

सरकार ने अफसरों और कार्मिकों की दफ्तरों में तय वक्त तक मौजूदगी को सुनिश्चित करने के इरादे से बायोमीट्रिक हाजिरी मशीन लगाने का फैसला किया है। लेकिन इसका सही तरीके से पालन नहीं हो रहा है। सीएम धामी से आरटीओ दफ्तर में अफसरों और कर्मियों की लापरवाही पकड़ी तो यह मामला तूल पकड़ गया। मुख्य सचिव को भी इस बारे में आदेश जारी करना पड़ा।

लेकिन केवल मशीन से हाजिरी की बात से मसला हल नहीं हो जाएगा। कर्मियों और अफसरों की समझ में तब आएगा जब देरी से आने या फिर जल्दी जाने पर उनका वेतन ऑटोमैटिक ही कट जाएगा। यहां बता दें कि निजी संस्थानों ने इसकी पुख्ता व्यवस्था की है। वहां भी बॉयोमीट्रिक हाजिरी की व्यवस्था है। लेकिन इसे कर्मियों के वेतन से जोड़ दिया गया है। तय समय पर आने में देरी की या फिर तय समय से पहले ही दफ्तर से निकल गए तो मशीन आपकी तनख्वाह से उस अवधि का पैसा काट लेगी। ये बात आपको तभी पता चलेगी जब पे-स्लिप आपके हाथ में होगी या फिर बैंक के एसएमएस से पता चलेगा कि इस माह आपके वेतन से कितने पैसे काट लिए गए हैं। यह हो सकता है कि बॉयोमीट्रिक हाजिरी का ही विरोध करने वाले अफसर और कार्मिकों को यह व्यवस्था रास न आए। लेकिन सरकारी सिस्टम और अफसरों-कर्मियों की कार्यशैली में सुधार लाकर उन्हें जवाबदेह बनाने के लिए सरकार को यह कदम उठाना ही चाहिए।

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