ब्यूरोक्रेसी

सियासी आकाओं ने हाथ खींचे तो हाईकोर्ट पहुंचे आईएएस यादव

मुझे जेल जाने से बचाओःराम विलास

सीएम धामी के रुख से लटकी गिरफ्तारी की तलवार

30 जून को ही होना है इस आईएएस का रिटायरमेंट

देहरादून। सियासी आकाओं की दम पर पहले यूपी फिर उत्तराखंड में बेखौफ अंदाज में काम करने वाले आईएएस अफसर राम विलास यादव पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। संरक्षण देने वाले सियासी आकाओं ने सीएम धामी के रुख को देखते हुए हाथ खींच लिए हैं। ऐसे में इस अफसर ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करके कहा है कि वह जांच में सहयोग करेगा पर उसकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी जाए।

विजिलेंस में दर्ज एक एफआईआर के अनुसार यादव ने यूपी में रहते बेहिसाब संपत्ति अर्जित की। छापों में भी साफ हुआ कि उनके पास तमाम तरह से अरबों की संपत्ति है। बताया जा रहा है कि इस अफसर ने पहले यूपी में एलडीओ और फिर उत्तराखंड में समाज कल्याण विभाग में मनमाने अंदाज में का किया। दोनों ही राज्यों में यह काम एक तरह से सियासी संरक्षण में ही किया गया।

अब विजिलेंस की शुरुआती जांच में ही तमाम संपत्ति की खुलासा होने, उत्तराखंड के सियासी संरक्षक के हाथ खींच लेने और सीएम धामी के रुख के बाद इस अफसर को अपनी गिरफ्तारी का खतरा सता रहा है। यही वजह है कि 30 जून को रिटायर होने जा रहे इस आईएएस अफसर रामविलास ने नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। इस याचिका में इस अफसर ने कहा कि वह किसी भी तरह की जांच में सहयोग को तैयार है। पर उसकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी जाए। सूत्रों ने बताया कि आईएएस रामविलास की इस याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति मनोज तिवारी की बेंच में सुनवाई होनी है। माना जा रहा है कि यह बेंच कल मंगलवार या फिर बुधवार को सुनवाई करेगी। बेंच के आदेश के बाद ही साफ होगा कि रामविलास गिरफ्तार होंगे या फिर उन्हें कोई राहत मिलती है।

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