बाल संरक्षण के लिए हितग्राहियों की राष्ट्रीय वार्षिक परामर्श 

सुप्रीम कोर्ट की किशोर न्याय समिति का आयोजन
पाक्सो पीड़ितों के लिए लंबी कार्ययोजना जरूरीः सेमवाल
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की किशोर न्याय समिति के तत्वावधान में दो दिवसीय राष्ट्रीय परामर्श का आय़ोजन किया गया। इसके उद्घाटन सत्र में जस्टिस एस. रविन्द्र भट ने प्रतिभागीगणों का स्वागत किया।
कार्यक्रम में सुश्री सिंथिया मकफ़्री, कंट्री रिप्रेजेंटेटिव यूनिसेफ ने बाल अधिकारों की रक्षा हेतु समस्त हितग्राहियों के मजबूत गठजोड़ की आवश्यकता पर बल दिया। केंद्रीय मंत्री श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी ने पॉक्सो कानून में परिवर्तनों को समय के अनुकूल बताया। चीफ जस्टिस डॉ. डी.वॉइ. चंद्रचूड़ ने पॉक्सो के सफल क्रियान्वयन के लिए समस्त हितग्रहियों की क्षमता विकास पर बल दिया।
पॉक्सो अधिनियम के लागू होने के पश्चात दस वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में सुप्रीम कोर्ट नई दिल्ली में आयोजित कार्यशाला में प्रतिभाग करते हुए हरि चंद्र सेमवाल, सचिव महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास, उत्तराखंड शासन ने बताया कि पोक्सो के पीड़ितों के पुनर्वास व पुन:एकीकरण हेतु लंबी अवधि की कार्ययोजना बनाते हुए लगातार अनुश्रवण आवश्यक है।
दो दिवसीय परार्मश में उत्तराखंड की ओर से उच्च न्यायालय की किशोर न्याय समिति, उजाला अकादमी, पॉक्सो कोर्ट, किशोर न्याय बोर्ड, बाल कल्याण समिति, राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग, पुलिस व महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के वरिष्ठ प्रतिनिधि उपस्थित रहे।