ब्यूरोक्रेसी

गजबः आदेश वर्चुअल का, ठेका स्मार्ट क्लासेज का

आप नेता जुगरान अनियमितता के खिलाफ पहुंचे हाईकोर्ट

पीआईएल पर केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस

शिक्षा सचिव मीनाक्षी सुदंरम से भी मांगा जवाब

स्मार्ट क्लासेज वाली कंपनी को भी नोटिस जारी

नैनीताल। उत्तराखंड में रोजाना कथित गड़बड़ियों कोई न कोई नया मामला सामने आ रहा है। ताजा मामला शिक्षा विभाग का है। केंद्र सरकार के अऩुदान से कोरोना काल में वर्चुअल क्सासेज चलने थे। लेकिन अफसरों ने स्मार्ट क्लासेज के लिए एक निजी कंपनी को ठेका दे दिया। एक आप नेता की पीआईएल पर हाईकोर्ट की खंडपीठ ने सभी को नोटिस जारी करके एक सप्ताह में जवाब मांगा है।

देहरादून निवासी आम आदमी पार्टी के नेता राज्य आंदोलनकारी रविंद्र जुगरान ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है। इसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार की ओर से साल 2019 में प्रदेश के दो लाख स्कूली छात्र-छात्राओं के लिए हाईटेक पढ़ाई करवाने के लिए स्मार्ट क्लास योजना शुरू की थी। बाद में बदलते समय के साथ स्मार्ट क्लास योजना की जगह ऑनलाइन (वर्चुअल) क्लास ने ले ली। इसके बाद उत्तराखंड सरकार ने भी स्कूलों में वर्चुअल क्लास शुरू करवा दी। ताकि उत्तराखंड के दूरस्थ क्षेत्रों के बच्चों को इसका फायदा मिल सके।

याचिका में कहा गया है कि उत्तराखंड में स्मार्ट क्लास के स्थान पर वर्चुअल क्लास पढ़ाने की संस्तुति केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने भी की। लेकिन शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम की ओर से चेन्नई की प्राइवेट कंपनी (आईक्यू स्मार्ट क्लास) को फायदा दिलाने के लिए प्रदेश में ऑनलाइन (वर्चुअल) क्लास के स्थान पर स्मार्ट क्लास को पढ़ाने का आदेश जारी कर दिया गया। यह केंद्र और राज्य सरकार के आदेश की अवहेलना है। ऐसे में सरकार के आदेश की अवहेलना करने और प्राइवेट कंपनी को फायदा पहुंचाने के इस मामले में शिक्षा सचिव व अन्य के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

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