रेखा आर्य का हरदा को करारा जवाब
मैं नहीं चाहती कि आपके पूर्व काले अध्याय याद दिलाऊं
बिना दान दक्षिणा नहीं मिलती थी राह
सही बंटवारा न होने से एक हुआ अलग
देहरादून। स्वतंत्र प्रभार वाली राज्य मंत्री इस समय भले ही अफसरशाही से मात खा गई हों। पर सियासी तौर पर बहुत मुखर हैं। उन्होंने अपने फेसबुक पेज पर पूर्व सीएम हरीश रावत पर तीखे प्रहार किए हैं। रेखा का कहना है कि जल्द ही अपने कर्मों से बची खुसी कांग्रेस को भी मिट्टी में मिला दो।
रेखा आर्य ने अपने फेसबुक पोस्ट पर जो लिखा है वो पाठकों के लिए हूबहू पेश है। आप खुद ही फैसला कर लीजिए। हां. इसे षणमुगम के विवाद के साथ न जोड़े।
ये है ऱेखा जी का बय़ान
पूर्व मुख्यमंत्री आदरणीय दाज्यू हरीश रावत जी आज अपने कहा है कि आईएएस अधिकारियों को एक मंत्री से नही वन प्लस वन से रूबरू होना पड़ता है। अब दाज्यू उम्र के इस पड़ाव में मैं आपके पूर्व के काले अध्यायों को नहीं खोलना चाहती थी। लेकिन आप कह रहे हैं तो आपको आपका इतिहास याद दिला दूँ क्योंकि उम्र के इस पड़ाव में आपकी स्मरण शक्ति के साथ-साथ मनोदशा का भी दुर्बल होना स्वभाविक है। आपके कार्यकाल में अधिकारियों को ही नहीं अपितु आपके मंत्रियों, विधायकों व कार्यकर्ताओं को भी वन प्लस टैन से रूबरू होना पड़ता था। जिसकी परिणीति रही कि मंत्रियों व विधायकों ने आपका साथ छोड़कर जाना उचित समझा। आपके वन प्लस टैन के बीच में इतने बाई-पास रास्ते थे कि कोई भी बिना दान दक्षिणा दिए मंजिल तक पहुंच ही नहीं पाता था। दाज्यू यदि आपको आवश्यकता हो तो आपके वन प्लस टैन की सूची आप मुझसे कभी भी ले सकते हैं। साथ ही आपको यह भी याद दिलाना है कि आपके वन प्लस टैन में अब वर्तमान समय में वन प्लस नाइन ही रह गए है। क्योंकि सुना है कि बंटवारा सन्तोषजनक न होने के कारण इनमें से एक प्लस आपका साथ छोड़कर चले गए हैं। इस उम्र में संभवतया आप गिनती सही से नहीं कर पा रहे होंगे। इसलिए आपको याद दिला दूं कि अब आप वन प्लस नाइन रह गए हैं। मेरा आपको व्यक्तिगत सुझाव यह भी है कि अब आप मुख्यमंत्री बनने के लिए मुंगेरी लाल के सपने देखना छोड़कर अपनी सेहत और स्वास्थ्य का ध्यान दें ताकि समय रहते प्रदेश में बची हुई कांग्रेस को भी आप अपने कर कमलों से निपटा जाएं।