जिसे अंग्रेजी नहीं आती वो एडीएम बन सकता है क्या

जिसे अंग्रेजी नहीं आती वो एडीएम बन सकता है क्या
हाईकोर्ट ने शासन से पूछा बड़ा सवाल
अगली सुनवाई कल 28 जुलाई को
देहरादून: एक तरफ देशभर में हिंदी को राजभाषा के रूप में प्रोत्साहित करने की बातें हो रही हैं। स्कूलों, सरकारी दफ्तरों और यहां तक कि संसद में भी हिंदी को प्राथमिकता देने की मुहिम तेज़ हो रही है। प्रधानमंत्री से लेकर राज्य सरकारें तक हिंदी के इस्तेमाल को बढ़ाने की वकालत करती रही हैं।
लेकिन इसी बीच उत्तराखंड हाईकोर्ट ने एक सवाल खड़ा कर दिया है— “जिस अधिकारी को अंग्रेज़ी नहीं आती, क्या वह ADM जैसे कार्यकारी पद पर बना रह सकता है?” यह टिप्पणी तब आई जब नैनीताल के ADM विवेक राय ने कोर्ट में बताया कि उन्हें अंग्रेज़ी बोलनी नहीं आती, हालांकि वे समझ सकते हैं। उन्होंने अदालत में जवाब हिंदी में दिया।
कोर्ट ने इस पर आपत्ति जताते हुए राज्य के मुख्य सचिव और राज्य चुनाव आयुक्त से जवाब तलब किया है और पूछा है कि क्या भाषाई दक्षता, विशेषकर अंग्रेज़ी, प्रशासनिक पद की योग्यता मानी जानी चाहिए?
मामला पंचायत चुनाव की मतदाता सूची में गड़बड़ी से जुड़ा है, लेकिन अब यह बहस छिड़ गई है कि क्या हिंदी भाषी अफसर प्रशासनिक जिम्मेदारियां पूरी तरह निभा सकते हैं, या अंग्रेज़ी की जानकारी आज भी योग्यता की कसौटी बनी हुई है?
अगली सुनवाई 28 जुलाई को तय की गई है।