सीमा पर बदलें टेस्टिंग व्यवस्था
अफसरों की कार्य़शैली से सीएम त्रिवेंद्र असहमत, बदलाव के निर्देश
हर आने वाले का कोविड टेस्ट किया था अनिवार्य
अब तीन दिन तक रुकने पर नहीं कराना होगा टेस्ट
यूपी के छह और हिमाचल के एक जिले को राहत
देहरादून। दूसरे राज्यों से उत्तराखंड आने वालों के लिए सीमा पर ही कोविड टेस्ट की अनिवार्यता की व्यवस्था से मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सहमत नहीं हैं। सीएम ने अफसरों को इसमें बदलाव के निर्देश दिए हैं। अब तीन दिन के लिए उत्तराखंड आने वालों को कोविड टेस्ट नहीं कराना होगा। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र के इस फैसले से यूपी के छह और हिमाचल के एक जिले के लोगों को खासी राहत मिलेगी।
पिछले दिनों अफसरों ने उत्तराखंड आने वाले हर व्यक्ति के लिए पोर्टल पर पंजीकरण और कोविड टेस्ट अऩिवार्य कर दिया था। आने वाले के पास अधिकतम 72 घंटे पुराना कोविड नेगेटिव का प्रमाणपत्र होना चाहिए था। अगर यह प्रमाणपत्र नहीं है तो उसे सीमा पर टेस्ट कराना होगा। इसके लिए उसे निजी लैब को 2400 रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब के भुगतान भी करना होगा।
अफसरों की इस व्यवस्था ने एक तो उत्तराखंड की सीमाओं पर भारी भीड़ लगने लगी और टेस्ट के लिए पैसा न होने पर तमाम लोगों को सीमा से वापस जाना पड़ा। यह प्रकरण मीडिया में उछला तो सीएम त्रिवेंद्र ने खुद ही इसका संज्ञान लिया। उन्होंने अफसरों को निर्देश दिया कि इसमें बदलाव किया जाए। सीएम ने कहा कि उत्तराखंड आकर तीन दिन तक रुकने वालों के लिए कोविड नेगेटिव टेस्ट जरूरी नहीं होगा। सीएम ने यह भी कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि उत्तराखंड में आने वालों को किसी भी तरह की परेशानी न हो।
यहां बता दें कि उत्तर प्रदेश के पीलीभीत, बरेली, रामपुर, मुरादाबाद, बिजनौर और सहारनपुर जिलों की सीमाएं उत्तराखंड से मिलती है। हिमाचल के एक जिले की सीमा भी मिलती है। व्यावसायिक व अन्य कारणों से रोजाना हजारों लोग इन स्थानों से उत्तराखंड आते हैं। अफसरों की कोविड टेस्ट अऩिवार्य करने की व्यवस्था ने लोग खासे परेशान थे।