खेलिए, तमगे लाइए और पाइए सरकारी नौकरी
खेल मंत्री ने अरविंद ने अफसरों को दिए नियमावली बनाने के निर्देश
पदक के लिहाज से पुलिस महकमे में मिलेगी नौकरी
राजपत्रित अधिकारी पद पर हो सकती सीधी नियुक्ति
देहरादून। कभी कहा जाता था कि पढ़ोगे-लिखोगे तो बनेगे नबाव, खेलोगे-कूदगो तो होगे खराब। उत्तराखंड सरकार इस मिथक को अब तोड़ने की तैयारी में है। विभिन्न स्तरों पर खेल प्रतियोगिताओं में तमगे हासिल करने वालों को पुलिस महकमे में सीधी नौकरी देने की तैयारी की जा रही है। ये नौकर तमगे के लिहाज से सीधे राजपत्रित अधिकारी की भी हो सकती है। खेल मंत्री अरविंद पांडेय ने इस बारे में अफसरों को नियमावली बनाने के निर्देश दिए हैं।
प्रदेश के विद्यालयी शिक्षा, प्रौढ़़ शिक्षा, संस्कृत शिक्षा, खेल, युवा कल्याण एवं पंचायतीराज मंत्री अरविंद पाण्डेय ने मंगलवार को विधान सभा स्थित दफ्तर में खेल विभाग की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि खेलों में विभिन्न स्तरों पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने और राष्ट्रीय स्तर पर पदक विजेता खिलाड़ियों को सरकारी विभागों में नौकरी दिलाने का कार्य करेगी। विशेषकर प्रदेश के कमजोर वर्ग के खिलाड़ी, जिनके पास खेलों के लिए प्रयाप्त सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं, उनको सरकारी मदद की व्यवस्था की जाएगी। पाण्डेय ने सरकारी विभागों में प्रदेश के मेडल प्राप्त खिलाड़ियों को नौकरी देने के लिए नई नियमावली बनाने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि इस बारे में इसी अगस्त माह के अंत तक एक बैठक में प्रदेश के सभी खेल एसोसिएशनों, कोचों, पूर्व नेशनल खिलाड़ियों और इस क्षेत्र में कार्य करने वाले लोगों को भी इस बैठक में बुलाया जाए।
सूत्रों का कहना है कि खेल विभाग इस बात पर सहमत है कि खेलों में तमगे लाने वालों को पुलिस महकमे में सीधी नौकरी का प्रावधान किया जाए। अभी तक ये काम मुख्यमंत्री के स्तर से ही होता है। अब यह तय करने का प्रयास होगा कि किस स्तर पर तमगा हासिल करने वाले खिलाड़ी को किस स्तर की नौकरी दी जाए। बताया जा रहा है कि सरकार की कोशिश है कि इन खिलाड़ियों को पुलिस महकमे में तैनात किया जाए। कोशिश इस बात की भी हो रही है कि विश्व या देश स्तर पर बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को पुलिस महकमे में डिप्टी एसपी की पोस्ट तक नौकरी पाने की व्यवस्था की जाए। अगर सरकार की यह कोशिश सफल रही तो इससे प्रदेश में खेलों को और भी बढ़ावा दिया जा सकेगा।
इस बारे में प्रभारी खेल सचिव ब्रजेश संत ने सिर्फ इतना कहा कि विभागीय स्तर पर इस योजना पर मंथन चल रहा है। जल्द ही नियमावली तैयार की जाएगी। फिर इसे कैबिनेट में विचार के लिए रखा जाएगा। कैबिनेट की मंजूरी के बाद नियमावली को लागू किया जाएगा। इसके बाद खिलाड़ियों को पदकों के अनुसार सरकारी नौकरी देने की राह आसान हो जाएगी। सरकार के इस फैसले से उत्तराखंड में खेलों को खासा बढ़वा मिलेगा।
मंत्री की बैठक में प्रभारी सचिव (खेल) ब्रजेश संत, अपर निदेशक धर्मेंद्र भट्ट, संयुक्त निदेशक नीरज गुप्ता एवं प्रधानाचार्य राजेश मंमगाई सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।