तस्वीर का सच

कोरोनाः मौत के मामले में भारी रहा 13 वां सप्ताह

टेस्टिंग, सैंपलिंग और रिकवरी में उत्तराखंड के सुधरे कुछ हालात

गुजरे सप्ताह में 12 मौत और एक आत्महत्या

टेस्टिंग की रफ्तार और तेज करने की जरूरत

न्यूज वेट ब्यूरो

देहरादून। 13 वां अंक अशुभ माना जाता है। उत्तराखंड में कोरोना से मौत के मामलों में यह बात एक बार फिर से साबित हुई। सुखद बात यह है कि इसी 13 वें सप्ताह में उत्तराखंड में अन्य मामलों में हालात पहले की अपेक्षा कुछ सुधरते दिख रहे हैं।

उत्तराखंड में कोरोना का पहला मरीज 15 मार्च को सामने आया था। उस दिन से 13 जून तक 13 सप्ताह पूरे हो चुके हैं। उत्तराखंड में कोरोना हालात की सरकारी आंकड़ों के आधार पर ही सोशल डेवलमेंट फॉर कम्युनिटी फाउंडेशन समीक्षा कर रही है। इस संस्था के संयोजक अनूप नौटियाल ने पूरे 13 सप्ताह की समीक्षा की है। इसके अनुसार सात जून से 13 जून तक 13वां सप्ताह था। आंकड़ों के अनुसार यह 13 सप्ताह मौत के मामले में खासा भारी रहा। इस सप्ताह में 12 लोगों की जान कोरोना ने ले ली। (इसमें एक आत्महत्या शामिल नहीं है।) 12 वें सप्ताह में आठ लोगों की जान गई थी और 11 वें छह लोग काल का ग्रास बने थे।

इस 13 वें सप्ताह में उत्तराखंड के कोरोना हालात अन्य मामलों में कुछ सुधरते से दिख रहे हैं। इस सप्ताह कुल 482 नए मामले सामने आए तो 654 लोग ठीक होकर अपने घर भी गए। इस 13 वें सप्ताह में कुल 9144 सैंपल्स की जांच की गई। इस सप्ताह जांच भले ही तेज हुई है। लेकिन अभी भी गोवा जैसे छोटे राज्य की तुलना में उत्तराखंड में सैंपल्स का बैकलॉग खासा ज्यादा है।

नौटियान के अऩुसार गोवा की आबादी उत्तराखंड की महज 15 फीसदी ही है। गोवा ने 12 जून तक 39,000 टेस्ट किए थे। जबकि सवा उत्तराखंड महज 37,400 टेस्ट ही कर पाया था। त्रिपुरा की बात करे तो वहां की आबादी उत्तराखंड की महज एक तिहाई ही है। 12 जून को उत्तराखंड ने 1151 सैंपल टेस्ट किए तो त्रिपुरा ने इसी तारीख को 1860 सैंपल टेस्ट किए।

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