उत्तराखंडस्वास्थ्य

नई दिल्ली की ओर से कार्यशाला “आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों पर व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं के मूल्यांकन पर एक अध्ययन: एक बहुकेंद्रित मिश्रित-विधि अध्ययन” विषय पर आयोजित

एम्स ऋषिकेश के सामुदायिक और पारिवारिक चिकित्सा विभाग के तत्वावधान में बुधवार को आईसीएसएसआर द्वारा वित्त पोषित अल्पकालिक अनुभवजन्य परियोजना 2023-24 के लिए एक प्रसार कार्यशाला का आयोजन किया गया। आयोजन में भारतीय परिषद ने सहयोग प्रदान किया।

सामाजिक विज्ञान अनुसंधान (आईसीएसएसआर), नई दिल्ली की ओर से कार्यशाला “आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों पर व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं के मूल्यांकन पर एक अध्ययन: एक बहुकेंद्रित मिश्रित-विधि अध्ययन” विषय पर आयोजित की गई। बताया गया कि कार्यशाला का उद्देश्य आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों के मूल्यांकन के निष्कर्षों को साझा करना था।

कार्यशाला का बतौर मुख्य अतिथि संस्थान की कार्यकारी निदेशक एवं सीईओ प्रोफेसर (डॉ.) मीनू सिंह एवं विभागाध्यक्ष सीएफएम प्रोफेसर वर्तिका सक्सेना ने विधिवत उद्घाटन किया।

इस अवसर पर निदेशक एम्स प्रोफेसर (डॉक्टर) मीनू सिंह ने नीतिगत सुधारों और स्वास्थ्य सेवाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए राज्य स्वास्थ्य विभाग के साथ एक सहयोगी टीम वर्क विकसित करने पर जोर दिया, उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के साथ साथ अन्य राज्यों में भी इस तरह के अध्ययन आयोजित करने की आवश्यकता है।

प्रोफेसर वर्तिका सक्सेना ने प्रभावी स्वास्थ्य देखभाल वितरण के लिए हितधारकों के साथ अध्ययन के निष्कर्षों को साझा करने के लिए आयोजित कार्यशाला के महत्व पर प्रकाश डाला। जिला सलाहकार-एनसीडी डॉ. सुनील राणा ने कहा कि हरिद्वार जनपद में शिविर प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल की डिलीवरी के लिए विस्तारित सेवाओं को लागू करने के लिए सतत प्रयास किए जा रहे हैं।

उन्होंने इन सेवाओं को और मजबूत करने के लिए एम्स के साथ सहयोग करने पर प्रसन्नता व्यक्त की। बहादराबाद ब्लॉक के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सुबोध जोशी ने भी आयुष्मान आरोग्य मंदिर के माध्यम से विस्तारित सेवाओं के वितरण को बढ़ाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दिखाई।

एम्स सीएमएफ विभाग से कार्यक्रम समन्वयक डॉ. रंजीता कुमारी ने परियोजना के बारे में जानकारी दी और बताया कि यह अध्ययन दो राज्यों, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में आयोजित किया गया था। प्रत्येक राज्य से दो जिलों (क्रमशः हरिद्वार और रायबरेली) को चुना गया था, जिसके तहत प्रत्येक जिले से एक ब्लॉक का चयन किया गया ।

अध्ययन के तहत कुल 22 एबी-एचडब्ल्यूसी केंद्रों का मूल्यांकन किया गया। जिसमें हरिद्वार से 12 और रायबरेली से 10 केंद्र शामिल हैं। बताया गया कि हरिद्वार जिले के लिए एम्स सीएफएम विभाग की प्रोफेसर डॉ. रंजीता कुमारी साइट पीआई जबकि इसी विभाग अतिरिक्त प्रोफेसर डॉ. मीनाक्षी खापरे साइट सह-पीआई थीं।

कार्यशाला में लगभग 50 प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिसमें सीएमओ कार्यालय के प्रतिनिधि, आशा, एएनएम, ब्लॉक बहादराबाद के सीएचओ शामिल थे। इस अवसर पर सीएचसी बहादराबाद के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सुबोध जोशी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक (डीपीएम) निम्मी राणा आदि मौजूद थे।

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