उत्तराखंड

“एक राज्य एक पंचायत चुनाव” की मांग को लेकर उत्तराखंड त्रिस्तरीय पंचायत संगठन 15 जुलाई से अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन करने के लिए तैयार

15 जुलाई से आंदोलन पर अडिग पंचायत प्रतिनिधि

पंचायतीराज निदेशालय पर अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन

दो वर्ष कार्यकाल बढ़ाए जाने की है मांग

उत्तराखंड त्रिस्तरीय पंचायत संगठन का ऐलान

पिथौरागढ़ । 

“एक राज्य एक पंचायत चुनाव” की मांग को लेकर उत्तराखंड त्रिस्तरीय पंचायत संगठन 15 जुलाई से देहरादून में अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन करने के लिए तैयार है। संगठन के पदाधिकारी के अलावा उत्तराखंड के कोने-कोने से त्रिस्तरीय पंचायतों के सदस्य राजधानी पहुंचने लगे है।

सरकार को इस मांग के संदर्भ में लंबा समय विचार करने के लिए देने के बाद अभी तक कोई हल नहीं निकलने से त्रिस्तरीय पंचायतों के सदस्य अब सरकार से नाराज है।

संगठन के द्वारा एक सप्ताह पूर्व निदेशक पंचायती राज को अल्टीमेटम दिया गया था कि अगर मुख्यमंत्री ने संगठन को इस मांग के सवाल पर वार्ता के लिए नहीं बुलाया तो पंचायती राज निदेशालय के आगे अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन किया जाएगा।

आज की तिथि तक राज्य सरकार की ओर से कोई प्रस्ताव वार्ता के लिए संगठन को प्राप्त नहीं हुआ है।

इस बात से नाराज संगठन ने 15 जुलाई से अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन के अपने निर्णय पर एकजुटता दिखाने का निर्णय लिया है।

संगठन के कार्यक्रम संयोजक जगत मर्तोलिया ने बताया कि त्रिस्तरीय पंचायत के विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी राजधानी पहुंच गए है। उन्होंने कहा कि रविवार तक दूर दराज के वार्ड मेंबर्स, ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य, जिला पंचायत सदस्य, क्षेत्र प्रमुख तथा जिला पंचायतों के अध्यक्ष मुख्यालय पहुंच जाएंगे।

उन्होंने कहा कि 15 जुलाई से नियत समय पर धरना प्रदर्शन प्रारंभ कर दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि सरकार के साथ अभी भी वार्ता के सभी दरवाजे खोल रखे गए है।

उन्होंने कहा कि 2 वर्ष कार्यकाल बढ़ाए जाने के लिए पर्याप्त कानूनी आधार मौजूद है।

उत्तराखंड में सरकार के द्वारा 1993 में पंचायत को संवैधानिक दिए जाने के बाद कार्यकाल को बढ़ाया गया है। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार ने एक राज्य एक चुनाव पर फैसला ले लिया है।

उत्तराखंड को भी इसका अनुसरण करते हुए “एक राज्य एक पंचायत चुनाव” पर तत्काल फैसला लेकर बड़ा दिल दिखाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि इस संगठन से उत्तराखंड के त्रिस्तरीय पंचायतों के 70 हजार प्रतिनिधि जुड़े हुए है। सरकार को टकराव का इंतजार नहीं करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि जो सरकार हमारी मांग को मानेगा, हम उस सरकार का सम्मान करने को भी तैयार है।

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