उत्तराखंड

उत्तराखंडः अपनों के कारनामों से असहज हैं सीएम धामी

उत्तराखंडः अपनों के कारनामों से असहज हैं सीएम धामी

स्पीकर ऋतु खंडूड़ी ले रही सार्वजिनक तौर पर भाजपा की सदस्यता

काबीना मंत्री रेखा आर्या ने कराई पति को हाईजैक करने की रपट

अपने कार्यकर्ता की पिटाई करने वाले प्रेम ने बेटी को बनाया अफसर

आय से अधिक संपत्ति मामले में घिरे गणेश नहीं चाहते उद्यान घोटाले की सीबीआई जांच

देहरादून। सूबे के युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इन दिनों खासा असहज महसूस कर रहे होंगे। इसकी वजह है उनके आपनों के कारनामें। किसी को न नियम की परवाह और न ही संविधान की। सब अपनी मर्जी से अपने अंदाज में काम कर रहे हैं। इसकी पड़ताल आपके अपने प्रिय न्यूज वेट की। पढ़िए एक रपट।

 

पहले बात स्पीकर ऋतु खंडूड़ी की। भाजपा के टिकट पर कोटद्वार से विधायक बनने के बाद हाईकमान मे उन्हें स्पीकर जैसा ओहदा दिया। पर उनके तमाम कार्य एक भाजपा कार्यकर्ता की तरह ही हैं। उन्होंने लोक चुनाव में भाजपा के पक्ष में प्रचार किया और सीएम के साथ रैलियों में शिरकत की। अब तो इंतहा ही हो गई। उन्होंने सार्वजनिक रूप से भाजपा की सदस्यता ली और लोगों को दिलवाई भी। उन्होंने इसके फोटो सोशल मीडिया में वायरल करने में भी कोई गुरेज नहीं किया। संविधान के जानकारों का कहना है कि कोई भी स्पीकर न तो किसी सियासी दल के कार्यक्रम में शामिल हो सकता है और न ही अपने स्पीकर के पद पर रहते किसी दल की सदस्यता ले सकता है। ये वहीं स्पीकर हैं, जिनके पास एक निर्दल विधायक की सदस्यता रद करने की याचिका दो साल से लंबित है।

 

अब बात करते है काबीना मंत्री रेखा आर्या की। बाकी बातों को दरकिनार कर भी दिया जाए तो इनकी तरफ से अपने पति को हाईजैक करने की एफआईआर चर्चा में है। इन्होंने बरेली में रिपोर्ट दर्ज कराई है कि एक महिला उनके पति का नाम, घर का पता अपने आधार में इस्तेमाल कर रही है। बताया जा रहा है कि वो महिला मंत्री जी से साथ लंबे समय से है। अब कुछ विवाद हुआ तो एफआईआर करा दी गई।

 

अब बात उत्तराखंड के दबंग मंत्री प्रेम अग्रवाल की। वे उस वक्त चर्चा में आए जब उन्होंने ऋषिकेश में अपनी ही पार्टी के कार्यकर्ता की सार्वजनिक तौर पर पिटाई की। मामला तूल पकड़ा तो एफआईआर भी हुई। पर पुलिस उनका कुछ ही न बिगाड़ सकी। उत्साहित मंत्री ने वित्त विभाग में सेवारत अपनी बेटी को प्रमोशन के लिए विभागीय ढांचा ही बदलवा दिया। मंजूरी के बाद देररात सचिवालय को खुलवा कर प्रमोशन का आदेश भी जारी करवा दिया।

 

सबसे दिलचस्प कहानी मंत्री गणेश जोशी की है। भारतीय सेना से समय पूर्व ही बाहर आने वाले इस पूर्व सैनिक मंत्री पर आरोप है कि उन्होंने आय से ज्यादा संपत्ति एकत्र कर ली है। आईटीआई से मिले सबूतों पर विजिलेंस खामोश रहा तो अधिवक्ता विनेश नेगी से कोर्ट में याचिका दाखिल की। पता नहीं किया हुआ कि नेगी को जिला बदर कर दिया गया। लेकिन कोर्ट ने शिकायत का संज्ञान ले लिया। और कैबिनेट को नोटिस जारी कर दिया कि आप जांच की अनुमति देते हैं या नहीं। यह मामला अभी पेंडिंग है।

 

इस बीच मंत्री एक नई बात ले आए। उद्यान विभाग में कऱोडें के घोटाले में उत्तराखंड हाईकोर्ट से सीबीआई जांच का आदेश दिया है। अब मंत्री से विभागीय अफसरों और न्याय विभाग की टिप्पणी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल करने की तैयारी कर ली है। सवाल ये हैं कि मंत्री जोशी बावेजा को बचाना क्यों चाहते हैं।

 

इसके अलावा सीएम इस बात से भी परेशान हैं कि भाजपा के तमाम कार्यकर्ताओं पर महिला उत्पीड़न के आरोप भी लग रहे हैं। इसके बाद भी भाजपा का प्रदेश नेतृत्व खामोश हैं। और झेलना पड़ रहा है सीएम को।

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