मांग को गैर संवैधानिक करने की साजिश का होगा पर्दाफाश
मांग को गैर संवैधानिक करने की साजिश का होगा पर्दाफाश
महाधिवक्ता के बयान से नाराज है पंचायत प्रतिनिधि
संवाद यात्रा का अल्मोड़ा में हुआ भव्य स्वागत
न्याय पंचायत स्तर पर होंगे मजबूत संगठन
तीनों पंचायतों ने भरी हुंकार
उत्तराखंड।
उत्तराखंड त्रिस्तरीय पंचायत संगठन के प्रदेश व्यापी संवाद यात्रा रविवार का अल्मोड़ा पहुंचने पर जोरदार स्वागत किया गया। संगठन ने महाधिवक्ता उत्तराखंड के नाम पर जो रिपोर्ट मीडिया में छपी है, उसे फर्जी बताया। संगठन ने महाधिवक्ता के बयान पर गहरी नाराजगी जाहिर की।उन्होंने कहा कि धारा 243 का जिक्र किया गया है लेकिन धारा 213 तथा 254 (2) का जिक्र क्यों नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आंदोलन के मनोबल को कम करने के लिए षड्यंत्र किया जा रहा है। इसका मुह तोड़ जवाब दिया जाएगा।
2 साल का कार्यकाल बढ़ाए जाने की मांग संवैधानिक है। संवाद यात्रा के दसवें दिन दबाव को कम करने के लिए इस मांग को एक साजिश के तहत गैर संवैधानिक ठहराया जा रहा है। इस पर संगठन के सदस्यों को सजग और सतर्क रहना है।
जिला पंचायत सभागार में यात्रा के पहुंचते ही अल्मोड़ा जनपद के त्रिस्तरीय पंचायत के सदस्यों ने गर्मजोशी के साथ स्वागत करते हुए यात्रा को अपनी शुभकामनाएं दी।
इस मौके पर आयोजित जिला सम्मेलन में संगठन के प्रदेश संयोजक तथा मुख्य वक्ता जगत मर्तोलिया ने कहा कि बार-बार अनुच्छेद 243 का जिक्र कर भ्रम की स्थिति पैदा की जा रही है।
उन्होंने कहा कि अगर यह सही है तो उत्तराखंड सरकार ने 1996 में गठित पंचायतों का कार्यकाल वर्ष 2002 में संविधान के अनुच्छेद 213 का सहारा लेकर कैसे कार्यकाल बढ़ाया। इस अनुच्छेद का सहारा लेकर झारखंड में भी 2021 में कार्यकाल बढ़ा है।
इस कार्यकाल बढ़ोतरी में निर्वाचित सदस्यों को ही कार्य करने का अवसर दिया गया है। हमारा भी फोकस यही है।
उन्होंने कहा कि महाधिवक्ता सरकार का प्रवक्ता नहीं है। अगर उसने इस तरह का बयान दिया है तो उनके खिलाफ उच्च न्यायालय नैनीताल में शिकायती पत्र दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम इस तरह के बयानों से घबराने वाले है।
आंदोलन संविधान को भी बदलते है। हमें केवल- केवल इस बात पर विश्वास करना चाहिए।
ग्राम प्रधान संगठन के प्रदेश अध्यक्ष भास्कर सम्मल ने कहा कि जिस दिन से आंदोलन शुरू हुआ है, उसी दिन से 2 साल कार्यकाल बढ़ाने की मांग के खिलाफ दुष्प्रचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमें प्रत्येक न्याय पंचायत में अपने संगठन को मजबूत बनाना है। संगठन मजबूत होगा तो हम किसान आंदोलन की तर्ज पर अपनी मांग को मनवाने में सफल हो जाएंगे।
उन्होंने कहा कि सरकार का रुख सकारात्मक है लेकिन सरकार को बदनाम करने के लिए फर्जी मीडिया ट्रायल किया जा रहे है। उन्होंने कहा कि हम अब इस मांग को मनवाने के लिए किसी भी प्रकार का बलिदान देने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि हमारे संगठन ने पुरानी पेंशन के आंदोलन को भी देखा है और किसान आंदोलन को भी। इसलिए उत्तराखंड की धरती पर ऐसा आंदोलन होगा, जिसकी सरकार ने कल्पना भी नहीं की है।
जिला पंचायत सदस्य धन सिंह रावत तथा अंजू राणा ने कहा कि अल्मोड़ा जिले के समस्त जिला पंचायत सदस्य इस मांग के साथ हमेशा खड़े रहेंगे। उन्होंने कहा कि हम अल्मोड़ा में संगठन बनाकर इस आंदोलन तन, मन, धन से पोषित करेंगे। इस मौके पर सितारगंज विकास खंड के ग्राम प्रधान अमरजीत, हवलबाग ब्लाक के अध्यक्ष देब सिंह भोजक, ताडीखेत के राजेश कुमार, जिला पंचायत सदस्य सुरेश सिंह फर्त्याल, बीना उपाध्याय, हंसा मर्तोलिया, शीला डोगरा, भगवती देवी, नवीन सिंह, जयपाल सिंह, मनोज मेहरा, भुवन चंद, मनीष रावत, पिंकी बिष्ट, अर्जुन सिंह, किशन सिंह बिष्ट, सुरेश चंद्र जोशी, उमेश चंद्र नैनवाल आदि ने विचार व्यक्त किया।
संचालन करते हुए संगठन के जिलाध्यक्ष धीरेन्द्र गालाकोटी ने यात्रा दल का स्वागत किया।