ऋषिकेश : एम्स, ऋषिकेश के नेत्र विज्ञान विभाग के तत्वावधान में कॉन्टेक्ट लेंस पर सीएमई एवं कार्यशाला का आयोजन किया गया। “कॉन्टेक्ट लेंस फिटिंग की कला और विज्ञान” विषय पर आयोजित कार्यशाला में देशभर के विभिन्न सरकारी, गैर सरकारी मेडिकल संस्थानों के ऑप्टोमेट्रिस्ट्स ने प्रतिभाग किया।
मुख्य अतिथि संस्थान की कार्यकारी निदेशक एवं सीईओ प्रोफेसर मीनू सिंह ने विधिवत उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि कांटेक्ट लेंस लोगों की जीवनशैली को बदलने में कारगर है।
कार्यशाला में विशिष्ट अतिथि डीन अकादमिक प्रोफेसर जया चतुर्वेदी ने ऐसे मरीजों के उदाहरण प्रस्तुत किए जिनके जीवन व व्यवहार में इस प्रयोग से बदलाव आया है।
नेत्र विज्ञान विभागाध्यक्ष प्रोफेसर संजीव कुमार मित्तल ने कांटेक्ट लेंस को दृष्टि दोष में चश्मे से अच्छा वैकल्पिक तरीका तथा कुछ कोर्निया-जनित रोगों में उपचार हेतु बताया।
प्रोफेसर अजय अग्रवाल ने धन्यवाद प्रस्ताव ज्ञापित किया। प्रोफेसर अनुपम ने विशेषरूप से शिरकत की। इस दौरान को- कॉर्डिनेटर डॉक्टर नीति गुप्ता ने कांटेक्ट लेंस टेक्नोलॉजी में हुई उन्नति की जानकारी दी।
दिल्ली से आए अतिथि वक्ता गगन साहनी ने स्क्लेरा (scleral ) कांटेक्ट लेंस के बारे में जानकारी दी । आनंद मूर्ति, मिस नगमा हसन के अलावा नेत्र विभाग के अनुराग भारद्वाज ने सॉफ्ट कांटेक्ट लेंस, चेतन शर्मा ने आरजीपी लेंस के फायदे व नुकसान बताए जबकि डॉ. लखानी ऋद्धि ने कांटेक्ट लेंस से होने वाली संभावित दिक्कतें व बचाव की जानकारी प्रस्तुत की।
कार्यशाला में भारत के विभिन्न संस्थानों जैसे एम्स दिल्ली, पीजीआईएमईआर चंडीगढ़, हिमालयन हॉस्पिटल जौलीग्रांट, सीएमआई देहरादून, रूड़की, सहारनपुर से लगभग 150 से अधिक ऑप्टोमेट्रिस्ट( दृष्टिमितिज्ञ) ने भाग लिया।