उत्तराखंड

स्कूल भवनों के सुरक्षा ऑडिट में विद्यालय प्रबंधन व बीईओ की हो जिम्मेदारी तय- मोर्चा

स्कूल भवनों के सुरक्षा ऑडिट में विद्यालय प्रबंधन व बीईओ की हो जिम्मेदारी तय- मोर्चा

ग्राउंड जीरो से हो स्कूल भवनों की जांच, संवेदनशील व अति संवेदनशील का भी जिक्र |

हादसा होने के बाद जागने की आदत छोड़े शासन- प्रशासन |

गरीब बच्चों को भगवान भरोसे न छोड़े विद्यालय प्रबंधन |

विकासनगर- जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने शासन- प्रशासन व सरकार की लेट लतीफी वाली नीति व गैर जिम्मेदाराना कृत्य पर प्रहार करते हुए कहा कि समय रहते किसी भी मामले में संज्ञान लिया जाना चाहिए न की हादसा होने के बाद ! प्रदेश के कई विद्यालय भवनों की स्थिति बड़ी खराब है ,जिसके संबंध में समय-समय पर संबंधित प्रधानाचार्य /प्रधानाध्यापकों द्वारा उच्च अधिकारियों को अवगत करा दिया जाता है, लेकिन फाइल कूड़े का ढेर बनकर रह जाती है तथा हादसा होने के बाद एक दूसरे पर जिम्मेदारी डालने का खेल शुरू हो जाता है, जिसको गंभीरता से लिया जाना आवश्यक है | राजस्थान की एक विद्यालय में हादसा होने के उपरांत राज्य व केंद्र सरकार द्वारा प्रदेश के समस्त स्कूलों के सुरक्षा व सुविधा ऑडिट के निर्देश दिए गए हैं, जिस पर ग्राउंड जीरो से काम करने की जरूरत है| जिन स्कूल भवनों की स्थिति बहुत नाजुक है, उसके संबंध में विद्यालय प्रबंधन व संबंधित खंड शिक्षा अधिकारियों को धरातलीय रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को सौंपनी चाहिए, जिसमें संवेदनशील व अति संवेदनशील मामले का भी जिक्र हो, जिससे समय रहते सुरक्षा इंतजाम पुख्ता हो सकें | जिला स्तरीय शिक्षा अधिकारियों को भी इस मामले में रेंडम जांच करनी चाहिए | मोर्चा सरकार से मांग करता है कि विद्यालय भवनों के सुरक्षा/ सुविधा ऑडिट में लापरवाही मामले में विद्यालय प्रबंधन के साथ-साथ संबंधित खंड शिक्षा अधिकारियों की भी जिम्मेदारी तय हो, जिससे कोई घटना घटित होने व लापरवाही परिलक्षित होने पर उनके खिलाफ कार्रवाई हो सके व बच्चों का जीवन बचाया जा सके |

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