देहरादून : उत्तराखण्ड को ऐसा धाकड़ मुख्यमंत्री मिला है जो आवाम से किये गये वायदे को धरातल पर सच करके ही चैन से बैठते हैं। मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड की जनता को वचन दिया था कि वह सत्ता में दुबारा आये तो राज्य के अन्दर समान नागरिक संहिता कानून को लागू किया जायेगा।
आवाम के मन में इस कानून को लेकर भले ही कोई शंका नहीं थी लेकिन विपक्ष का मानना था कि मुख्यमंत्री ने समान नागरिक संहिता कानून बनाने का जो दावा किया है, वह सिर्फ चुनावी एजेंडे से ज्यादा कुछ नहीं दिखेगा।
मुख्यमंत्री ने विपक्ष को आईना दिखाते हुए समान नागरिक संहिता कानून को कैबिनेट की बैठक में जिस तरह से पास कर उसे सदन के अन्दर रखने के लिए अपने कदम आगे बढाये हैं, उससे राज्य के अन्दर साफ संदेश चला गया है कि पुष्कर सिंह धामी जो कहते हैं वो करते हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बताये मंत्र को धारण कर सत्ता चला रहे हैं और तेइस सालों में पहली बार उत्तराखण्ड को ऐसा मुख्यमंत्री मिला है, जो बडे-बडे फैसले लेने के लिए कभी भी दिल्ली भाजपा हाईकमान के पास नहीं गये। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा हाईकमान जेपी नड्डा ने मुख्यमंत्री को राज्यहित में हर फैसला लेने के लिए फ्रीहैंड कर रखा है। मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड को विकास की नई उडान पर ले जाने के लिए आवाम के सामने जो भी वायदे किये उसे वह पूरा करते चले आ रहे है।
मुख्यमंत्री ने विधानसभा चुनाव से पूर्व आवाम से वायदा किया था कि अगर राज्य के अन्दर भाजपा की सरकार बनी तो उसके बाद राज्य के अन्दर समान नागरिक संहिता कानून को लागू किया जायेगा। सत्ता में वापसी के बाद मुख्यमंत्री ने समान नागरिक संहिता कानून का ड्राफ्ट बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायधीश न्यायमूर्मि रंजना प्रकाश देसाई के नेतृत्व में पांच सदस्यीय समिति का गठन किया था।
समिति ने उत्तराखण्ड में यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए दो लाख 33 हजार लोगों से सीधा संवाद किया और उसके बाद उन्होंने उत्तराखण्ड के अन्दर यूसीसी को लागू करने के लिए दमदार ड्राफ्ट तैयार कर उसे चंद दिन पूर्व मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सुपुर्द कर दिया था। समान नागरिक संहिता कानून का ड्राफ्ट मिलने के बाद उत्तराखण्ड में एक नई हलचल मच गई थी कि अब मुख्यमंत्री का यूसीसी पर अगला कदम क्या होगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा बजट सत्र से ठीक एक दिन पूर्व कैबिनेट की बैठक बुलाकर यूसीसी ड्राफ्ट के प्रस्ताव को मंजूरी देकर उत्तराखण्डवासियों को साफ संदेश दे दिया कि वह जो कहते हैं वो करते हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने समान नागरिक संहिता कानून को उत्तराखण्ड में लागू करने की दिशा में एक लम्बी राजनीतिक छलांग लगाकर यह साफ कर दिया कि वह देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन को धरातल पर उतार रहे हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का उत्तराखण्ड के अन्दर जिस तरह से राजनीतिक कद उफान पर नजर आ रहा है। उसके चलते कांग्रेस में आस्था रखने वाले काफी कांग्रेसी नेता व कार्यकर्ता अपने राजनीतिक भविष्य को एक नई दिशा देने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उंगली पकड़कर भाजपा में शामिल होने के लिए होड़ लगाये हुये हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जहां यूसीसी को कानून बनाने के लिए उसे कैबिनेट बैठक में हरी झण्डी देकर अपना वचन निभाया। वहीं उन्होंने देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ग्लोबल इंवेस्टर समिट के प्रोजेक्ट को देश और दुनिया के उद्यमियों को उत्तराखण्ड में उद्योग लगाने के लिए राजी किया उसके चलते लाखो करोड का उत्तराखण्ड में निवेश करने का उन्होंने पुष्कर सरकार से जो अनुबंध किया। वह देखकर उत्तराखण्ड की युवा पीढ़ी पुष्कर सिंह धामी की कायल हो गई है और अब उत्तराखण्ड के अन्दर हर तरफ एक ही डंका बज रहा है कि पुष्कर सिंह धामी जो कहते हैं वो करते हैं।