जीएम ने चोरी से बेच दी करोड़ों की चीनी

ऑडिट में जीएम सेठ पर मिले तमाम गंभीर आरोप
इस्तीफा देने के सांठगांठ से फिर पाई नौकरी
सर्विस ब्रेक होने के बाद भी पाते रहे पदोन्नतियां
फिलवक्त बाजपुर मिल में हैं चीफ इंजीनियर
2017 की शिकायत पर अब एक्शन की तैयारी
अब एक पखवाड़े में दिया जाएगा आरोप-पत्र
देहरादून। नादेही शुगर मिल के तत्कालीन महाप्रबंधक आरके सेठ ने गोदाम में रखी करोड़ों रुपये की पांच हजार कुंतल चीनी चोरी से बेच दी। आला अफसरों की मिलीभगत से इस्तीफा देने के बाद फिर नौकरी पा ली और सहायक अभियंता से महाप्रबंधक तक पहुंच गए। 2017 की शिकायत पर ऑडिट के बाद अब एक्शन की तैयारी हो रही है।
उत्तराखंड सहकारी चीनी मिल संघ के प्रबंध निदेशक चंद्रेश यादव ने एक आदेश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि 2017 से 19 तक सीएम दफ्तर और शासन से नादेही चीनी मिल के तत्कालीन महाप्रबंधक आरके सेठ के खिलाफ कई शिकायती पत्र आए। 2018 में सीएम ने पत्र पर लिखा कि प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए जांचकर कार्रावाई के लिए प्रस्तुत करें। शासन के निर्देश पर विशेष ऑडिट कराया गया। पाया गया कि तत्कालीन जीएम आरके सेठ ने मिल के गोदाम में रखी पांच हजार कुंतल चीनी को चोरी से बेच दिया। अपराध छुपाने के इरादे से बोरियों को फाड़कर तमाम चीनी बिखेर दी गई। अहम बात यह है कि प्लास्टिक की बोरियों में कांटा नहीं लगाया जाता है।
सेठ 2008 में सहायक अभियंता थे। उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। बाद में गन्ना सचिव विनोद शर्मा से सांठगांठ करके फिर नौकरी पा ली। इतना ही नहीं सर्विस ब्रेक होने के बाद भी सहायक मुख्य अभियंता, मुख्य अभियंता, प्रधान प्रबंधक और फिर महाप्रबंधक के पद पर पदोन्नतियां पाते रहे। तीस साल की नौकरी में से 15 साल नादेही मिल में तैनात रहे। मिल के पास तीन वाहन होने के बाद भी एक नया वाहन यूके18-9990 खऱीदा गया। एक साल से कम समय में ही यह वाहन 1.70 लाख किमी. चलाया गया। खरीद के फर्जी बिल बनाए गए और आउटसोर्स कर्मियों की तैनाती में गड़बड़ी की गई। प्रबंध निदेशक यादव ने अपने इस आदेश की प्रति सचिव गन्ना,जीएम बाजपुर शुगर मिल के साथ ही बाजपुर में बतौर मुख्य अभियंत तैनात आरके सेठ को भी भेजी है। एमडी ने किच्छा शुगर मिल की ईडी रुचि मोहन रयाल को 15 दिन में आरोप पत्र मंजूरी के लिए भेजने का आदेश दिया है।