उत्तराखंड

पंचायत संगठन भी “केदार बाबा” की शरण में

पंचायत संगठन भी “केदार बाबा” की शरण में

22 को ऊखीमठ में बाबा की पूजा के बाद “संवाद यात्रा” होगी शुरु

दो वर्ष कार्यकाल बढ़ाए जाने को लेकर कसी कमर

देहरादून।

उत्तराखंड में “एक राज्य एक पंचायत चुनाव” के नारे को बुलंद करते हुए दो वर्ष का कार्यकाल बढ़ाने की मांग को लेकर आंदोलित पंचायत संगठन भी 22 अगस्त को केदार बाबा के शरण में जाने वाली है। इसी दिन से पूरे राज्य में “संवाद यात्रा” निकालने का निर्णय भी लिया गया है। संगठन यात्रा के पहले केदारनाथ विधानसभा में केदार बाबा के शरण में तथा आखिरी दिन मुख्यमंत्री की विधानसभा चंपावत में गोलज्यू की शरण में जाकर आराधना करेंगे ओर गोलज्यू के दरबार में न्याय की अर्जी भी लगायेंगे।

संगठन ने स्पष्ट किया कि इस यात्रा का किसी भी प्रकार का राजनीतिक निहितार्थ नहीं निकाला जाना चाहिए।

उत्तराखंड के 12 जनपदों के त्रिस्तरीय पंचायतों के 70 हजार सदस्य दो वर्ष का कार्यकाल बढ़ाए जाने की मांग को लेकर बीते नौ माह से आंदोलन में है।

31 जुलाई को प्रदेश के मुख्यमंत्री से हुई वार्ता के बाद संगठन ने अपना आंदोलन स्थगित किया है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक माह के भीतर इस मांग पर विधिक परीक्षण करने के साथ रिपोर्ट तलब की है।

विभागीय मंत्री सतपाल जी महाराज भी कार्यकाल बढ़ाने के पक्ष में है।

संगठन ने उत्तराखंड की विधानसभा के 90 प्रतिशत विधायकों से अपनी मांग के पक्ष में समर्थन पत्र ले लिया है।

संगठन ने अपने एक अगस्त 2024 को देहरादून में अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन को स्थगित किए जाने के समय में लिए गए निर्णय के अनुसार 22 अगस्त से 4 सितंबर तक 13 जनपदों में संवाद यात्रा निकालने के अपने पूर्व में लिए गए निर्णय को आज सार्वजनिक किया।

संगठन के संयोजक जगत मर्तोलिया, ग्राम प्रधान संगठन के प्रदेश अध्यक्ष भास्कर सम्मल, जिला पंचायत अध्यक्ष संगठन के प्रदेश अध्यक्ष सोना सजवाण, क्षेत्र प्रमुख संगठन के प्रदेश अध्यक्ष डॉ दर्शन सिंह दानू, जिला पंचायत सदस्य संगठन के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप भट्ट के द्वारा जारी संयुक्त बयान में बताया गया कि 22 अगस्त को आपदा के कारण केदारनाथ जाना संभव नहीं है। इसलिए ऊखीमठ में स्थित केदार बाबा के मंदिर में जहां 6 माह भोले बाबा निवास करते है, उस स्थान पर सुबह 8 बजे पूजा अर्चना की जाएगी। केदार बाबा से दो साल कार्यकाल बढ़ाने का आशीर्वाद लिया जाएगा।

उसके बाद प्रात: 11 बजे रुद्रप्रयाग जिला मुख्यालय में संवाद यात्रा द्वारा बैठक आयोजित की जाएगी।

इसी क्रम में 23 अगस्त को चमोली, 24 को पौड़ी गढ़वाल, 25 को टिहरी गढ़वाल, 27 को उत्तरकाशी, 28 को हरिद्वार, 29 को देहरादून, 30 को उधमसिंहनगर, 31 को नैनीताल, 1 सितंबर को अल्मोड़ा, 2 को बागेश्वर, तीन को पिथौरागढ़,चार को चंपावत में संवाद यात्रा के कार्यक्रम रखा गया है।

मुख्यमंत्री की विधानसभा चंपावत में बैठक होने से पूर्व गोलज्यू मंदिर में सुबह 8 बजे पूजा अर्चना कर गोलज्यू का भी आशीर्वाद लिया जाएगा। न्याय के देवता के रूप में प्रसिद्ध गोलज्यू के दरबार में संगठन की ओर से न्याय के लिए अर्जी दाखिल करने की रस्म भी पूरी की जाएगी।

संगठन के संयोजक जगत मर्तोलिया ने बताया कि हमें सरकार पर पूर्ण भरोसा है। सरकार हमारी मांग को लेकर पॉजिटिव भी है। उन्होंने कहा कि संवाद यात्रा का मुख्य मकसद संगठन को मजबूत करना है। ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत तथा जिला पंचायत से जुड़े समस्त सदस्यों को ओर अधिक सक्रिय करने के लिए यह यात्रा निकाली जा रही है।

उन्होंने कहा कि एक प्रतिशत पर अगर सरकार ने संगठन के साथ वादा खिलाफी किया, तो सरकार पर दबाव बनाकर अपनी मांग को मनवाना भी संगठन को आता है।

उन्होंने कहा कि हम अपने संगठन के न्याय पंचायत स्तर के सदस्य के मन की बात सुनने के लिए जिला स्तर तक जा रहे है।

आगे हमारी जिले की टीम ब्लॉक स्तर तक जाएगी।

उन्होंने दावा किया कि हरिद्वार जनपद भी अब हमारे साथ है। हरिद्वार के साथ आ जाने के बाद संगठन के सदस्यों की संख्या 80 हजार से अधिक हो गई है।

इसलिए सरकार को बड़ा दिल दिखाते हुए तत्काल कैबिनेट में प्रस्ताव लाकर उत्तराखंड की विधानसभा में कार्यकाल बढ़ाने के बिल को पारित करते हुए राष्ट्रपति से हस्ताक्षर करवा कर इतिहास रचना चाहिए। ताकि उत्तराखंड में “एक राज्य एक चुनाव” का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का सपना कुछ आगे बढ़ सके।

उन्होंने कहा कि अब संगठन किसी भी कीमत पर पीछे नहीं हटाने वाला है। इसलिए सरकार को हमारी भावनाओं का सम्मान करना चाहिए। आज तक हमने सरकार की हर बात का सम्मान किया है। अब सरकार की बारी है।

सीएस तथा डीजीपी को लिखा पत्र

संगठन के संयोजक जगत मर्तोलिया ने मुख्य सचिव तथा पुलिस महानिदेशक को पत्र लेकर इस संवाद यात्रा के लिए सहयोग करने का अनुरोध किया।

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के समस्त जिलाधिकारी तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को यात्रा के कार्यक्रम में सहयोग करने के लिए तत्काल पत्र जारी किया जाए। उन्होंने कहा कि हम इस यात्रा को शांति यात्रा के रूप में भी करना चाहते है।

इसके लिए पुलिस और प्रशासन को सहयोग करने के लिए आगे आना चाहिए। इसके लिए राज्य स्तर से उचित मार्गदर्शन के लिए भी पत्र में कहा गया है।

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