उत्तराखंडशिक्षा

मेरठ- बरेली सेंटर पढ़ने से छात्रसंघ में आक्रोश, केन्द्रीय शिक्षा मंत्री को भेजा ज्ञापन

रिपोर्ट भगवान सिंह श्रीनगर गढ़वाल। सीयूईटी परीक्षा में छात्रों के परीक्षा केन्द्र 300 किमी दूर मेरठ, बरेली रखे जाने को लेकर छात्रों में आक्रोश है। छात्रसंघ अध्यक्ष गौरव मोहन नेगी ने इस सबंध में एसडीएम के माध्यम से केन्द्रीय शिक्षा मंत्री को ज्ञापन भेजा।

छात्रसंघ अध्यक्ष गोरव मोहन नेगी ने बताया कि सीयूईटी की परीक्षा यहाँ के छात्र-छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का कार्य कर रही है। जिसमें कि छात्रों के हितों एवं उत्तराखण्ड की भौगोलिक, आर्थिक परिस्थितियों को कोई महत्व नहीं दिया जा रहा है।

छात्रसंघ उपाध्यक्ष रोबिन असवाल ने कहा कि पहाड़ के युवाओं को पहाड़ में ही उच्च शिक्षा मिल सके इसके लिए किए गये आन्दोलनों की देन से 2009 में यहाँ के छात्र-छात्राओं को केन्द्रीय विश्वविद्यालय के रूप में प्राप्त हुआ।

कहा कि विश्वविद्यालय अंतर राज्य आर्थिक रूप से कमजोर छात्र-छात्राओं को एक उत्कृष्ट मंच प्रदान करता है परन्तु विगत वर्ष यह विश्वविद्यालय अपने राज्य के छात्र-छात्राओं को प्रवेश देने में असमर्थ रहा है। जिसके मुख्य कारण सीयूईटी की परीक्षा के बारे में छात्रों, शिक्षकों व अभिभावकों को पूरी जानकारी नहीं मिल सकी। सुदूर क्षेत्र होने के कारण इंटरनेट की सुविधा न होना। विश्वविद्यालय के सभी विभागों में पिछले वर्ष में काफी रिक्त सीटें रहीं हैं जिसका कि किसी भी छात्र को फायदा नहीं मिला।

विवि प्रतिनिधि अमन पंवार ने कहा कि परीक्षा देने के लिए छात्र-छात्राओं का केंद्र हल्द्वानी, मेरठ, दिल्ली बहुत दूर पढ़ रहा है। विषम भौगोलिक परिस्थितियों के कारण वे इतनी दूर जाने में समर्थ नहीं हैं।

छात्रों ने केन्द्रीय शिक्षा मंत्री को दिए ज्ञापन में मांग की कि केन्द्रीय विश्वविद्यालय उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्र में होने के कारण इसको विशेष विश्वविद्यालय की श्रेणी में रखा जाये, जिससे कि यहां के स्थानीय व ग्रामीण क्षेत्र के आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को इसका लाभ मिल सके।

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