उत्तराखंड

धामी सरकार गिराने की साजिशः स्पीकर ने विधायकों के पाले में डाली गेंद

धामी सरकार गिराने की साजिशः स्पीकर ने विधायकों के पाले में डाली गेंद

बोलीं, सदन में किसी विधायक ने नहीं किया बयान का विरोध

पूर्व सीएम निशंक और त्रिवेंद्र ने की थी साक्ष्य मांगने की मांग

देहरादून। एक निर्दल विधायक का विस सत्र के दौरान सदन में कहा कि 500 करोड़ रुपये से धामी सरकार को गिराने की साजिश रची गई। यह बयान इस वक्त खासा चर्चा में हैं। विधायक तो इस मामले में मौन हैं पर दो पूर्व मुख्यमंत्रियों ने स्पीकर से मांग कर डाली कि निर्दल विधायक से इसके साक्ष्य मांगे जाएं। इस पर स्पीकर ऋतु खंडूडी ने जवाब दिया है कि पक्ष और विपक्ष के किसी भी विधायक ने बयान का विरोध नहीं किया। और वे इसका स्वतः संज्ञान नहीं ले सकतीं हैं।

निर्दल विधायक उमेश कुमार का धामी सरकार को 500 करोड़ में गिराने की साजिश का आरोप खासा सुर्खियों में हैं। इस आरोप पर भाजपा के सभी विधायक मौन साधे हुए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत इस मामले में एक स्वर से बोल रहे हैं। दोनों ने बयान की सत्यता के लिए जांच की मांग की है। दोनों भाजपा नेताओं ने विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी से भी मांग की है कि चूंकि यह बयान विस की कार्यवाही में दर्ज है। लिहाजा स्पीकर को निर्दल विधायक से साक्ष्य मांगने चाहिए।

अब स्पीकर ऋतु ने मीडिया को एक बयान दिया है। यह अमर उजाला में छपा है। ( देखें क्लीपिंग)।

इसमें ऋतु खंडूड़ी ने कहा है कि विस अध्यक्ष का पद तटस्थ होता है। सदन में किसी सदस्य की ओर से कोई बात कही जाती है और उस बात को पक्ष या विपक्ष उठाता है तो स्पीकर उसका संज्ञान लेता है। अगर कोई सदस्य सदन में मौजूद नहीं और उसके बारे में जिक्र किया जाता है तो स्पीकर स्वतः संज्ञान लेता है। सदस्य की बात पर पक्ष या विपक्ष कुछ नहीं कहता है तो पीठ ने कोई विनिश्चय देना नियम विरुद्ध होता है।

जाहिर है कि स्पीकर ने साफ कर दिया है कि वे अपनी ओर से निर्दल विधायक से कोई भी साक्ष्य मांगने वाली नहीं हैं। अब देखना होगा कि इस निर्दल विधायक के इतने गंभीर आरोप वह भी विस की कार्यवाही में दर्ज होने वाले पर क्या कोई किसी तरह की जांच होती है या फिर कोई भी इस तरह अस्थिरता फैलाने की बात करता रहेगा।

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