उत्तराखंड

38वें राष्ट्रीय खेल: सेपक टाकरा, मिनीगोल्फ, पेंचक सिलाट, कराटे खेल शामिल नहीं, खिलाड़ी हताश

38 वे राष्ट्रीय खेल: सेपक टाकरा, मिनीगोल्फ, पेंचक सिलाट, कराटे खेल शामिल नहीं, खिलाड़ी हताश

उत्तराखंड में होने जा रहे 38 वे राष्ट्रीय खेलों की तैयारी में खेल विभाग तथा सरकार द्वारा पूर्ण तैयारी का दावा किया गया है। लेकिन कुछ खेल अभी भी 38 वे राष्ट्रीय खेलों की सूची से वंचित है उन खेलों के खिलाड़ियों द्वारा विगत वर्षों से लगातार खेल का अभ्यास किया जा रहा है परंतु खेल विभाग तथा राज्य सरकार द्वारा भारतीय ओलंपिक संघ को भेजी गई सूची में सेपक टाकरा,मिनीगोल्फ,पेंचक सिलाट,कराटे जैसे खेल अभी भी सूची से वंचित है। इन खेलों के खिलाड़ियों द्वारा लगातार राष्ट्रीय स्तर तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में पदक भी प्राप्त किया जा रहे हैं। पूर्व में भी 37वें राष्ट्रीय खेल जो गोवा में आयोजित किए गए थे उसमें सेपक टाकरा खेल में लोकेश शाह,आशीष बिष्ट तथा मंगल सिंह को डबल्स इवेंट में कांस्य पदक प्राप्त करने पर उत्तराखंड सरकार द्वारा वन विभाग में वन दरोगा की नियुक्ति दी गई साथ ही खेल प्रोत्साहन राशि द्वारा भी सम्मानित किया गया। एशियाई खेलों में आशीष बिष्ट द्वारा सेपक टाकरा खेल में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए भारत वर्ष के लिए दो स्वर्ण पदक प्राप्त भी किए गए है।

वहीं उत्तराखण्ड सरकार द्वारा पेंचक सिलाट खेल में निखिल भारती द्वारा स्वर्ण तथा कांस्य पदक प्राप्त करने पर युवा कल्याण विभाग, इशु भारती द्वारा कांस्य पदक प्राप्त करने पर गृह विभाग तथा गायत्री नेगी द्वारा कांस्य पदक प्राप्त करने पर गृह विभाग में नियुक्ति प्रदान कर खेल प्रोत्साहन राशि द्वारा सम्मानित किया गया। मिनीगोल्फ खेल में भी 37वीं राष्ट्रीय खेलों में खिलाड़ियों द्वारा उत्तराखंड राज्य का प्रतिनिधित्व कर राज्य के लिए कुमारी समृद्धि थपलियाल द्वारा सिंगल इवेंट में स्वर्ण पदक,योगेश पाण्डेय एवं मयंक सुंदरियाल द्वारा डबल्स इवेंट में कांस्य पदक तथा श्वेता भाकुनी, दिया मेहर, हेमा,पलक पाठक द्वारा टीम इवेंट में कांस्य पदक प्राप्त किए गए थे। राज्यपाल उत्तराखंड द्वारा स्वर्ण पदक प्राप्त खिलाड़ी कुमारी समृद्धि थपलियाल को सम्मानित भी किया गया था। परंतु इस वर्ष उत्तराखण्ड सरकार एवं खेल विभाग उत्तराखंड द्वारा 38 में राष्ट्रीय खेलों की सूची में इन सभी खेलो को सम्मिलित नहीं किया गया है। जिससे सभी खेल के खिलाड़ी एवं संगठन दोनों ही हताश स्थिति में है। जहां एक और इन खेलों के खिलाड़ियों द्वारा लगातार विगत वर्षों से अभ्यास किया जा रहा है उनकी यह मेहनत जब रंग लाने का समय आया तो एक बड़ा झटका के रूप में यह साबित हुआ।

इन खेल के खिलाड़ियों द्वारा दावा किया गया है यदि इनका खेल 38वें राष्ट्रीय खेलों की सूची में सम्मिलित किया जाता है तो राज्य को अधिक से अधिक पदक प्राप्त करने का अवसर प्राप्त होगा। इन खेलों के संगठन द्वारा भी लगातार पत्राचार द्वारा सरकार तथा खेल विभाग से अपनी बातें रखी गई परंतु इन खेलों को राज्य सरकार द्वारा 38 वे राष्ट्रीय खेलों की सूची से अभी तक बाहर रखा गया है जिससे राज्य के ही नहीं पूरे राष्ट्र स्तर के खिलाड़ी भी प्रभावित हुए हैं।

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