डॉक्टर्स डे के अवसर पर एम्स ऋषिकेश में पीजी कक्षाओं के नए शैक्षणिक सत्र की हुई शुरूआत
डॉक्टर्स डे के अवसर पर एम्स ऋषिकेश में पीजी कक्षाओं के नए शैक्षणिक सत्र की हुई शुरूआत
जिरियाट्रिक मेडिसिन विभाग की ओर से न्यूज लेटर ’सिल्वर लाईनिंग’ का किया गया विमोचन
एम्स ऋषिकेश, 1 जुलाई, 2024
डॉक्टर्स डे के अवसर पर एम्स ऋषिकेश में पीजी कक्षाओं के नए शैक्षणिक सत्र की शुरूआत की गयी। इस दौरान जिरियाट्रिक मेडिसिन विभाग की ओर से न्यूज लेटर ’सिल्वर लाईनिंग’ का विमोचन भी किया गया।
डाॅक्टर्स डे के अवसर पर एम्स संस्थान के मुख्य सभागार में आयोजित कार्यक्रम के दौरान संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने संस्थान में सेवारत सभी फेकल्टी सदस्यों, रेजिडेन्ट डाॅक्टरों और हेल्थ केयर वर्करों को डाॅक्टर्स डे की शुभकामनाएं दी और चिकित्सकों से आह्वान किया कि चिकित्सा सेवा का धर्म याद रखते हुए उन्हें प्रत्येक परिस्थिति में सेवा भाव से रोगी का जीवन बचाने के लिए संकल्पित होने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में संस्थान द्वारा एम.एस.सी नर्सिंग के अलावा पीएचडी और मास्टर आॅफ पब्लिक हेल्थ के पीजी पाठ्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि हिमालयन इंस्टीट्यूट आॅफ मेडिकल साईंस, जौलीग्रान्ट के प्रधानाचार्य डाॅ. अशोक कुमार देवराड़ी ने हेल्थकेयर प्रोफेशनल की बारीकियां बतायी। कहा कि टीमवर्क के साथ मरीजों की देखभाल के लिए बेहतरीन अनुभव और दूरदृष्टि होनी जरूरी है। डाॅ. देवराड़ी ने रेजिडेन्ट्स डाॅक्टरों से आह्वान किया कि उन्हें मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर रखने की आवश्यकता है। इसके लिए उन्होंने पर्याप्त नींद, अच्छा भोजन और योगाभ्यास करने की सलाह दी। मूल मंत्रों का जिक्र करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि हेल्थ केयर वर्करों को स्क्रीन के सामने कम से कम समय बिताने और ड्रग्स से दूर रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में पोस्ट ग्रेजुएट्स के लिए ई पोर्टफोलियो अनिवार्य होगा और ई लर्निंग की उपयोगिता बढ़ेगी। डाॅ. देवराड़ी ने संस्थान की उन्नति के लिए टीम वर्क की अनिवार्यता बतायी। उन्होंने फेकल्टी सदस्यों से आह्वान किया कि वह एक अच्छे चिकित्सक के साथ-साथ एक अच्छे टीम लीडर भी बनें। मरीजों का इलाज करते समय कम लागत वाले इलाज को प्राथमिकता और अत्यधिक उपचार से बचने की सलाह देकर उन्होंने रोगी सुरक्षा को प्राथमिकता देने की बात कही। उन्होंने चिकित्सकों को पढ़ाई के साथ साथ शिक्षण कार्य, चिकित्सा व सर्जरी के क्षेत्र में नए अनुसंधान के लिए आगे आने को भी प्रेरित किया।
कार्यक्रम के दौरान डीन एकेडेमिक प्रो. जया चतुर्वेदी, चिकित्सा अधीक्षक प्रो. संजीव कुमार मित्तल, डाॅ. शैलेन्द्र हाण्डू, डाॅ. अंशुमान दरबारी, डाॅ. प्रशांत पाटिल, डाॅ. मीनाक्षी धर, डाॅ. गीता नेगी, डाॅ. गिरीश सिंधवानी, डाॅ. वन्दना धींगरा, डाॅ. निधि केले, डाॅ. मोनिका पठानिया, डाॅ. रूचि दुआ, डाॅ. रश्मि मल्होत्रा, वित्तीय सलाहकार ले. कर्नल डब्लू. एस. सिद्धार्थ, अधीक्षण अभियन्ता ले. कर्नल राजेश जुयाल, जनसंपर्क अधिकारी संदीप कुमार सिंह सहित संस्थान के कई फेकल्टी सदस्य, एस.आर., जे.आर और हेल्थ केयर वर्कर आदि मौजूद रहे।