नैनीतालः लोक अदालत में 152 मामलों का निस्तारण

विभिन्न मामलों में 1.20 करोड़ की धनराशि की समझौता राशि की तय
नैनीताल। नैनीतास जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से जिला मुख्यालय नैनीताल, बाह्य न्यायालय हल्द्वानी और रामनगर में ई-लोक अदालत का आयोजन किया गया। इन ई-लोक अदालत में कुल 152 मामले तय करके 1,29,38402 रूपये की समझौता राशि तय की गई।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश जीव कुमार खुल्बे तथा ई-लोक अदालत बेंच अधिवक्ता प्रदीप परगाई द्वारा विद्युत अधिनियम के 01 एक वाद एवं मोटर दुर्घटना प्रतिकर के 08 वादों का निस्तारण कर कुल 58,74279 की समझौता धनराशि वसूल की गई। मिसलीनियस सिविल के 04 वादों का निस्तारण भी किया गया। ब्रजेंद्र सिंह परिवार न्यायालय नैनीताल एवं बेंच अधिवक्ता राजेन्द्र सिंह बोरा ने छह पारिवारिक वादो का निस्तारण किया गया।
मुकेश कुमार आर्य मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नैनीताल एवं लोक अदालत बेंच अधिवक्ता सुभाष चन्द्र जोशी द्वारा एनआई एक्ट के एक वाद का निस्तारण कर 23,566 रूपये समझौता राशि वसूल की गई। क्रिमिनल कम्पाउण्डेबल के 14 वादों का निस्तारण कर 5,32,890 रूपये की समझौता धनराशि वसूल की। इसी तरह प्रि-लिटीगेशन के 12 मामलों का निस्तारण कर 5,18,101 रूपये बैंक को दिलाये गए।
अरविन्द कुमार प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश न्यायालय हल्द्वानी एवं लोक अदालत बेंच अधिवक्ता धर्मेंद्र कुमार ने क्रिमिनल कम्पाउण्डेबल के एक, एमएसीटी के तीन वाद का निस्तारण कर 9,94,000 समझौता धनराशि वसूल की गई और एससीसी के एक वाद का निस्तारण किया गया। पंकज तोमर परिवार न्यायालय हल्द्वानी एवं बेंच अधिवक्ता योग्यता बिष्ट ने कुल सात पारिवारिक वादों का निस्तारण किया। श्रीमती पायल सिंह अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय हल्द्वानी एवं लोक अदालत बेंच अधिवक्ता मुकेश थुवाल ने क्रिमिनल कम्पाउण्डेबल के 15 एवं एनआई एक्ट के नौ वादों का निस्तारण किया। इसमें प्री-लिटीगेशन के 14 मामलों का निस्तारण कर 1,14,500 रूपये बैंक को दिलाए गए।
सुश्री शमा परवीन न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय हल्द्वानी एवं लोक अदालत बेंच अधिवक्ता ललित कुमार द्वारा क्रिमिनल कम्पाउण्डेबल के आठ एवं एनआई एक्ट के 14 वादों का निस्तारण कर 34,89,632 रूपये की समझौता धनराशि वसूल की गई। राजेश कुमार सिविल जज सीनियर डिवीजन न्यायालय रामनगर एवं लोक अदालत बेंच अधिवक्ता श्रीमति दीनू नेगी द्वारा क्रिमिनल कम्पाउण्डेबल के 19 वादों एवं एनआई एक्ट के सात वादों का निस्तारण कर 13,70,000 रूपये की समझौता धनराशि वसूल की गई। साथ ही प्री-लिटिगेशन के एक मामले का निस्तारण कर 40,000 रूपये बैंक को दिलाए गए।