उत्तराखंड

नगर निकाय चुनाव में पार्टियां घोषणा पत्र जारी करने के साथ पांच साल तक मॉनिटरिंग और हैंड होल्डिंग पर दें प्रदेश के लोगों को आश्वासन : अनूप नौटियाल

नगर निकाय चुनाव में पार्टियां घोषणा पत्र जारी करने के साथ पांच साल तक मॉनिटरिंग और हैंड होल्डिंग पर दें प्रदेश के लोगों को आश्वासन : अनूप नौटियाल

देहरादून।

उत्तराखंड में नगर निकाय के चुनावों की तैयारियों के बीच देहरादून स्थित जलवायु परिवर्तन, सतत शहरीकरण और कचरा प्रबंधन पर काम करने वाली संस्था एसडीसी फाउंडेशन के अध्यक्ष और सामाजिक कार्यकर्ता अनूप नौटियाल ने चुनाव में हिस्सा ले रहे राजनीतिक दलों को घोषणा पत्र अनिवार्य रूप से जारी करने और चुनाव जीतने के बाद उस घोषणा पत्र पर क्रमवद्ध तरीके से अमन करने की अपील की है।

 

राजनीतिक दलों के नाम जारी अपने एक वीडियो में अनूप नौटियाल ने मुख्य रूप से तीन मांग रखी हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव में हिस्सा ले रहे राजनीतिक दलों को 25 वर्ष के हो चुके उत्तराखंड राज्य के अर्बन विजन को ध्यान में रखते हुए घोषणा पत्र जारी करना चाहिए। इस तरह का विस्तृत घोषणा पत्र न सिर्फ जारी किया जाना चाहिए, बल्कि उस पर अमल भी किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों को चुनाव जीतने के बाद अपने घोषणा पत्र की मॉनीटरिंग और क्रियान्वयन पर विशेष ध्यान देना चाहिए। इसके लिए पार्टियों को चाहिए कि वे अपनी पार्टियों में अर्बन विजन रखने वाले लोगों की टीम नियुक्त करें।

अनूप नौटियाल ने मांग की है कि राजनीतिक दलों की यह अर्बन विज़न इम्प्लेंटेशन टीम अगले पांच साल तक लगातार न सिर्फ उनके घोषणा पत्र की मॉनीटरिंग करे, बल्कि उसे धरातल पर उतारने के लिए शहरी निकायों के साथ मिलकर जरूरी कदम उठाये।

उन्होंने नये चुनकर आने वाले मेयरों और अध्यक्षों को अर्बन गवर्नेंस को लेकर प्रशिक्षित करने की जरूरत पर बल दिया है। अनूप नौटियाल का कहना है कि राजनैतिक पृष्ठभूमि से आने वाले और पहली बार चुनकर जीतने वाले लोगों को आमतौर पर अर्बन गवर्नेंस के मुद्दों का अनुभव नहीं होता है। इसलिए उन्हें अपना काम जीरो से शुरू करना होता है। ऐसे में जरूरी है कि अर्बन गवर्नेंस के मामले में उनकी समझ बढ़ाने के लिए उन्हें निरंतर हैंड होल्डिंग के ज़रिए जरूरी प्रशिक्षण दिया जाए। लेकिन यह प्रशिक्षण एक-दो दिन के शिविर से संभव नहीं हैं। लगातार इस तरह के प्रयास किये जाने चाहिए। इतना ही नहीं, नये सदस्यों को कैसे प्रशिक्षित किया जाएगा और कैसे उन्हें उनके काम के प्रति जवाबदेह बनाया जाएगा, यह बात भी राजनीतिक दलों को अपने घोषणा पत्र में स्पष्ट करनी चाहिए।

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