आईएएस षणमुगम हैं बेइमान या कुछ और खेल

सवालः आखिर दिक्कत क्या है राज्य मंत्री रेखा को इस अफसर से
पहले भी कई अफसरों पर साध चुकी हैं निशाना
सरकार क्यों नहीं करा रही है सत्यता की जांच
देहरादून। उत्तराखंड के इतिहास में स्वतंत्र प्रभार वाली राज्यमंत्री रेखा आर्य़ा एक बार फिर चर्चा में हैं। इस बार उन्होंने एक और नया कारनामा कर दिखाया है। वो पुलिस से कह रहीं हैं कि उनका अफसर लापता है। ऐसा करके उन्होंने सरकार की फजीहत कराई है। सवाल ये है कि क्या अंदरखाने जो खेल हैं उसमें अफसर सही है या राज्यमंत्री। अब सरकार को तय करना होगा कि राज्यमंत्री सही हैं या फिर अफसर। वैसे भी राज्यमंत्री इससे पहले कई और अफसरों पर भी निशाना साध चुकी हैं।
देश के लोकतंत्र में यह पहला वाक्या होगा कि कोई राज्यमंत्री अपने अपर सचिव तो तलाशने के लिए पुलिस को खत लिखे। इससे ऐसा लगा कि अफसर किसी भी कीमत पर सरकार की नहीं सुन रहे हैं। इस खत के पीछे किसी खास को आउटसोर्स का काम देने की बात सामने आ रही है। षणमुगम जिस अफसर पर आउटसोर्स का ठेका देने में गड़बड़ी की बात की जा रही है, उस पर न तो अफसरशाही भरोसा कर रही है और न ही इस अफसर की कार्यशैली को जानने वाले लोग। ऐसे में सवाल राज्यमंत्री की निष्ठा पर ही खड़े हो रहे हैं।
वैसे भी यह कोई पहला मौका नहीं है जब रेखा आर्या ने अफसरों पर निशाना साधा है। अल्मोड़ा के डीएम रहे आईएएस अफसर सविन बंसल ने उनके इशारों पर काम नहीं किया तो राज्यमंत्री ने मोर्चा खोला। यह अलग बात है कि अपनी मर्जी का काम उस अफसर से नहीं करा पाई। फिर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी पर भी उन्होंने निशाना साधा। एक विभागीय अफसर सुजाता सिंह के लिए तो उन्होंने पता नहीं क्या-क्या जतन न किए। लेकिन किसी की कुछ भी न हुआ। अब एक आईएएस के खिलाफ उन्होंने फिर से मोर्चा खोल दिया है।
ब्यूरोक्रेसी में रेखा आर्या के इस रुख को लेकर खासी चर्चाएं हैं। कहा जा रहा है कि वे अपनी पंसद की कंपनी को आउटसोर्स का काम दिलवाना चाहती थी। लेकिन षणमुगम ने वही किया जो नियमानुसार था। ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि क्य़ा सरकार देखेगी कि कौन गलत है और कौन सही। अगर अफसर अपनी जगह सही है तो क्या सरकार उसे संरक्षण देगी। एक बात और। सरकार को इस मामले की पूरी जांच करवानी चाहिए कि सच क्या है। अगर अफसर की दोषी है तो सख्त एक्शन हो ताकि आने वाले समय में अन्य अफसर सबक लें। और अगर राज्यमंत्री के स्तर से गलती है तो उन्हें भी सबक दिया जाना चाहिए।