उत्तराखंड

चारधाम संरक्षण : कॉपी राइट एक्ट या फिर पेटेंट

चारधाम संरक्षण : कॉपी राइट एक्ट या फिर पेटेंट

एक फुल प्रूफ कानून के विकल्पों पर मंथन कर रही सरकार

देहरादून। धामी कैबिनेट ने देवभूमि उत्तराखंड के धामों के दुरुपयोग के खिलाफ एक सख्त कानून बनाने की बात की है। अब सरकार इस बात पर मंथन कर रही है कि किस तरीके से उत्तराखंड के कानून का देशभर में असर हो और कोई भी धामों के नाम पर गड़बड़ी न कर सके।

नई दिल्ली में केदारनाथ धाम निर्माण का मामला सामने के बाद जमकर सियासत हो रही है। इस पर लगाम लगाने के लिए पुष्कर सिंह धामी सरकार ने धामों के संरक्षण के लिए एक कानून बनाने की बात की है। सरकार की कोशिश है कि देवभूमि के धामों के नाम का देशभर में कहीं भी दुरुपयोग न हो सके। धामी सरकार ने सिस्टम को इस बारे में ड्राफ्ट बनाने का जिम्मा दिया है।

अब सोशल मीडिया में चर्चा तेज हो रही है कि उत्तराखंड का कानून क्या देश के अन्य राज्यों में भी प्रभावी हो सकेगा। सरकार इसका तोड़ निकालने की कोशिश में जुटी है। उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि इस बात का परीक्षण हो रहा है कि क्या केंद्र सरकार के कॉपी राइट एक्ट के तहत धामों का किसी तरह से संरक्षण किया जा सकता है। इसके अलावा सरकार केंद्र सरकार के पेटेंट एक्ट का भी अध्ययन कर रही है। देखा जा रहा है कि दोनों में से किस कानून के तहत धामों का संरक्षण हो सकता है।

सूत्रों ने बताया कि अगर इन दोनों कानूनों के माध्यम से समस्या का हल निकल पाता है तो इसका देश व्यापी असर होगा। फिर ये कानून उत्तराखंड सरकार का नहीं होगा और देश के किसी भी राज्य में देवभूमि के धामों के नाम या उनके स्वरूप का कोई भी दुरुपयोग नहीं कर सकेगा।

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