राजनीति

विसः मनमानी नियुक्तियों की जांच को बनी कमेटी

एक माह में मांगी गई है रिपोर्टः स्पीकर

सभी पदोन्नतियां भी आएंगी इस जांच के दायरे में

मनमाने प्रमोशन पाने वाले सचिव को भेजा छुट्टी पर

पूर्व प्रमुख सचिव कोटिया को बनाया कमेटी अध्यक्ष

पूर्व कार्मिक सचिव एसएस रावत कमेटी के सदस्य

पहले 2012 से 2022 तक की नियुक्तियां दायरे में

जरूरत हुई तो राज्य गठन से 2011 तक की जांच

देहरादून। विधानसभा में हुईं मनमानी भर्तियों को लेकर युवाओं में पनपे आक्रोश को स्पीकर ऋतु खंडूड़ी ने थामने की कोशिश की है। उन्होंने विस में हुईं सभी नियुक्तियों और प्रमोशन की जांच के लिए एक हाईपावर कमेटी का गठन कर एक माह में रिपोर्ट मांगी है। विवादों के घेरे में आए सचिव मुकेश सिंघल को अवकाश पर भेज दिया गया है।

पिछले कुछ समय से विस में भर्तियों को लेकर हंगामा हो रहा है। पूर्व स्पीकर गोविंद सिंह कुंजवाल ने 152 और पूर्व स्पीकर प्रेमचंद अग्रवाल ने अपना कार्य़काल समाप्त होने से ऐन पहले विस में नियुक्तियां कर दी थी। सवाल उठने पर दोनों ने इसे अपना विशेषाधिकार बताया था। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पीकर को एक खत लिखकर इनकी जांच का आग्रह किया था।

विदेश दौरे से लौटी स्पीकर ऋतु ने आज विस में पत्रकारों से वार्ता की। उन्होंने कहा कि सभी नियुक्तियों और पदोन्नतियों की जांच के लिए पूर्व प्रमुख सचिव डीके कोटिया की अध्यक्षता में एक हाईपावर कमेटी बना दी गई है। इसमें पूर्व आईएएस और कार्मिक सचिव रहे एसएस रावत और पूर्व आईएएस अवनींद्र सिंह नयाल को सदस्य बनाया गया है। कमेटी को एक माह में रिपोर्ट देने को कहा गया है। स्पीकर ने बताया कि मौजूदा सचिव मुकेश सिंघल को तत्काल प्रभाव ने अगले आदेशों तक अवकाश पर भेज दिया गया है।

स्पीकर ऋतु ने कहा कि वे विश्वास दिलाती हैं कि सूबे के युवाओं के साथ न्याय होगा। इस कमेटी की जो भी रिपोर्ट होगी, उसी के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। एक सवाल पर उन्होंने कहा कि 2011 तक विस में यूपी की नियमवली लागू थी। 2012 में राज्य ने अपनी नियमावली बनाई। पहले 2012 से 2012 तक की नियुक्तियों की जांच की जाएगी। अगर जरूरत पड़ी तो राज्य गठन से 2011 तक की नियुक्तियों को भी जांच के दायरे में लाया जाएगा।

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